पर्यावरण बचाने की नेक पहल:विनिशा उमाशंकर को मिला चिल्ड्रंस क्लाइमेट प्राइज 2020

629

पिछले साल विनिशा को आयरन डिजाइन करने के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम IGNITE अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है
इससे पहले विनिशा मोशन सेंसर के जरिये चलने वाले स्मार्ट सीलिंग फैन का अविष्कार भी कर चुकी हैं

14 साल की विनिशा उमाशंकर तिरूवनामलई के एक प्रायवेट स्कूल में 9 वी कक्षा की छात्रा हैं। इस बच्ची को सोलर पैनल से चलने वाली मोबाइल आयरन कार्ट बनाने के लिए प्रतिष्ठित सम्मान चिल्ड्रंस क्लाइमेट प्राइज से सम्मानित किया गया है। विनिशा का नाम 18 साल से कम उम्र के किशाेरों को प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाने वाले राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार 2021 के लिए भी शॉर्टलिस्ट किया गया है।

विनिशा को चिल्ड्रंस क्लाइमेट प्राइज में सम्मान के तौर पर 8.64 लाख की राशि मिली। इसके अलावा इसे स्वीडन आधारित चिल्ड्रंस क्लाइमेट फाउंडेशन की ओर से मेडल और डिप्लोमा भी मिला। एक डिजिटल समारोह के अंतर्गत 18 नवंबर को विनिशा को यह अवार्ड मिला। यह दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल क्लाइमेट अवार्ड है जो हर साल युवा इन्नोवेटर्स को दिया जाता है।

विनिशा के अनुसार, ”मैं जहां रहती हूं, वहां मैंने देखा कि एक प्रेस वाला लोगों के कपड़े प्रेस करने का काम करता है। उसकी पत्नी भी यही काम करती है। वे दोनों प्रेस के लिए कास्ट आयरन बॉक्स वाली कोयले की प्रेस का इस्तेमाल करते हैं। कई बार इस परिवार ने मेरे कपड़े भी प्रेस किए। प्रेस के बाद जले हुए कोयलों को ठंडा करने के लिए वे मैदान में ही डाल देते हैं। उसके बाद उन्हें कचरे के ढेर पर फेंक दिया जाता है। मेरे घर के आसपास ऐसे छ: लोग और है जो यह काम करते हैं”।

ऐसे ही लोगों ने विनिशा को यह सोचने पर मजबूर किया कि क्यों न ऐसी आयरन डिजाइन की जाए जिसके लिए कोयले की जरूरत न पड़े क्योंकि जला हुआ कोयला पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। पिछले साल विनिशा को आयरन डिजाइन करने के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम IGNITE अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इससे पहले विनिशा मोशन सेंसर के जरिये चलने वाले स्मार्ट सीलिंग फैन का अविष्कार भी कर चुकी हैं। इसके लिए 2019 में उन्हें बेस्ट वुमन इन्नोवेटर कैटेगरी में डॉ. प्रदीप पी थेवन्नूर इन्नोवेशन अवार्ड से नवाजा गया था।

Live Cricket Live Share Market

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here