पूरे भारत मे सोन पापड़ी और भुजिया की खूब मांग रहती है। ऐसे में आज हम स्नैक्स बनाने वाली कंपनी बीकाजी के बारे में जानेंगे। बीकाजी की शुरुआत 1986 में हल्दी राम के पोते शिवरतन अग्रवाल ने बीकानेर से की थी। आज बीकाजी स्नैक्स बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।
पोते गंगा बिसनजी अग्रवाल भी दुकान जाते थे
मारवाड़ी परिवार से आने वाले भीखा राम अग्रवाल ने 1937 में बीकानेर में एक छोटी सी चाय-नाश्ते की दुकान खोली। भीखा राम के साथ उनके पोते गंगा बिसनजी अग्रवाल भी दुकान जाते थे। घर में गंगा बिसनजी को सब हल्दी राम कहते थे। इन्हीं के नाम पर दुकान का नाम भी हल्दी राम रख दिया गया।
मूलचंद अग्रवाल के चार बेटे थे
जब हल्दी राम सिर्फ 11 साल के थे, तब से ही वो एक कंपनी खोलना चाहते थे। वह इस काम में सफल भी हुए और हल्दी राम को ब्रांड बना दिया। अभी बीकाजी का वैल्यूएशन 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। मूलचंद अग्रवाल के चार बेटे थे- शिव किशन अग्रवाल, मनोहर लाल अग्रवाल, मधु अग्रवाल और शिव रतन अग्रवाल। सभी भाई हल्दी राम के कारोबार को अपनी बहन सरस्वती के साथ मिलकर आगे बढ़ाने लगे।
शिव रतन अग्रवाल अपने खानदानी बिजनेस ‘हल्दी राम’ से अलग हो गए
बिजनेस के बंटवारे के बाद शिव रतन अग्रवाल अपने खानदानी बिजनेस ‘हल्दी राम’ से अलग हो गए। फिर शिव रतन अग्रवाल ने बीकानेर में ‘शिवदीप फूड्स प्रोड्क्ट्स’ के नाम से भुजिया बनाने का बिजनेस शुरू किया। इसके साथ ही भारतीय स्नैक मार्केट की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बीकाजी ब्रांड की शुरुआत हुई।
शिव रतन अग्रवाल ने केवल 8वीं तक पढ़ाई की
शिव रतन अग्रवाल ने केवल 8वीं तक पढ़ाई की है। उस समय तक भुजिया केवल हाथों से ही बनाई जाती थी। किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस इंडियन स्नैक को मशीनों से भी बनाया जा सकता है। मगर शिव रतन ने मशीन से भुजिया बनाने का सेट-अप बनाया।
बीकानेरी भुजिया को सबसे ज्यादा गल्फ देशों में पसंद किया जा रहा
बीकाजी फूड्स के ढाई सौ से ज्यादा प्रोडक्ट्स न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के 30 से अधिक देशों में बेचे जाते हैं। सबसे पहले 1994 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में बीकाजी भुजिया का एक्सपोर्ट शुरू हुआ। बीकानेरी भुजिया को सबसे ज्यादा गल्फ देशों में पसंद किया जाता है। इसके अलावा अमेरिका, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, रूस, नेपाल, न्यूजीलैंड, कनाडा, कतर, बहरीन, नॉर्वे में भी कंपनी के स्नैक एक्सपोर्ट किए जाते हैं।