एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली दादी

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भारत की कई महिला एथलीट और खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की नाम रोशन कर रही हैं। कम उम्र में ही सानिया मिर्जा से लेकर भवानी देवी, पीवी सिंधु और मीराबाई चानू ने अपना नाम बनाया। इन महिला एथलीट्स ने कई खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और कई सारे मेडल जीत कर भारत का परचम दुनियाभर में लहराया। लेकिन हाल ही में भारत ने एक ऐसी महिला एथलीट की जीत का जश्न मनाया, जिसने उम्र की सीमा पार करके देश का नाम रोशन किया है। शूटर दादी के बाद अब एथलीट दादी सुर्खियों में हैं। 94 साल की स्प्रिंटर भगवानी देवी डागर ने फिनलैंड में हुए वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। चलिए जानते हैं स्वर्ण पदक अपने नाम करने वाली एथलीट दादी भगवानी देवी डागर के बारे में।

कौन है भगवानी देवी डागर
भगवानी देवी ने हाल में फिनलैंड के टांपरे में आयोजित वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर की दौड़ में जीत हासिल कर भारत के लिए स्वर्ण पदक झटक लिया। उन्होंने महज 24.74 सेकंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी की और नेशनल रिकॉर्ड कायम किया। खास बात ये है कि भगवानी देवी की उम्र 94 साल है। इस चैंपियनशिप में उन्होंने एक गोल्ड जीतने के साथ ही दो कांस्य पदक भी अपने नाम किए हैं। रनिंग में कमाल दिखाने वाली भगवानी देवी ने चैंपियनशिप में गोला फेंक और डिसकस थ्रो में भी हिस्सा लिया और कांस्य पदक जीता।

भगवानी देवी कैसे बनी एथलीट
हरियाणा की रहने वाली भगवानी देवी के एथलीट बनने की कहानी बहुत रोचक है। भगवानी देवी के पोते विकास डागर एक अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट हैं और राजीव गांधी स्पोर्ट्स पुरस्कार से सम्मानित हैं। विकास डागर की दादी भी एक साधारण सी गृहणी हैं, जिनका जीवन पति के निधन के बाद बेटे और परिवार को संभालने में गुजरा। वह खेतों में भी काम किया करती थीं।

भगवानी देवी की ट्रेनिंग
लेकिन उनके पोते ने उन्हें खेल की ओर प्रेरित किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए ट्रेनिंग दी। भगवानी देवी पिछले 1 साल से फिनलैंड में होने वाली चैंपियनशिप के लिए तैयारी कर रही थीं। वह रोजाना सुबह 5 बजे उठकर दौड़ लगाने जाती, शाम में फिर रनिंग पर जाया करती थीं।

भगवानी देवी की सफलता
इसी साल अप्रैल में भगवानी देवी ने दिल्ली स्टेट में 3 गोल्ड जीते, साथ ही चेन्नई नेशनल के दौरान 3 गोल्ड मेडल हासिल किए। उसके बाद इंग्लैंड चैंपियनशिप में 1 गोल्ड और 2 कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। भगवानी देवी के परिवार में बेटे हवा सिंह डागर के अलावा बहू सुनीता, पोता विकास डागर, विनीत डागर, नीतू डागर और पढ़ पोते निकुंज और विश्वेंद्र हैं।

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