जब महिलाएं नेतृत्व करती हैं, तो समाज में व्यापक बदलाव संभव है…महिला सरपंच श्रीमती लीना चैनु साहू, जिन्होंने अपनी दूरदर्शी सोच और दृढ़ निश्चय से गांव को नई दिशा दी है

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कमलेश यादव : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत चिचदो महिला सशक्तिकरण और विकास का अनूठा उदाहरण बन गया है। इस बदलाव के केंद्र में हैं यहां की सरपंच श्रीमती लीना चैनु साहू, जिन्होंने अपनी दूरदर्शी सोच और दृढ़ निश्चय से गांव को नई दिशा दी है। उनका मानना ​​है कि देश के विकास का रास्ता गांव से होकर गुजरता है और इसी सोच के साथ वे गांव की हर समस्या का समाधान खोजने में जुटी हैं। आज अपने काम की बदौलत पूरे जिले में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं।

महिला सरपंच श्रीमती लीना चैनु साहू का दृढ़ विश्वास है कि महिला सशक्तिकरण ही सामाजिक प्रगति का मूल है। उन्होंने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी है। उनका मानना ​​है कि ग्रामीण विकास देश के समग्र विकास का आधार है और इसी दिशा में वे अपने गांव को एक आदर्श उदाहरण बनाने के लिए प्रयासरत हैं। उनके प्रयासों ने यह साबित कर दिया कि अगर महिला ठान ले तो वह समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

गांव की बुनियादी सुविधाओं के विकास में श्रीमती लीना चैनु साहू का योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने सड़क, नाली और बिजली जैसी जरूरी सुविधाओं के लिए कई सरकारी योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया है। गांव के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में उनके प्रयास काफी कारगर साबित हुए हैं।हाल ही में आयोजित जिला स्तरीय जनदर्शन शिविर में श्रीमती लीना साहू के कामों की सराहना की गई, जहां उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को उठाकर उनका समाधान करवाया।

शिक्षा के क्षेत्र में भी श्रीमती लीना चैनु साहू का योगदान सराहनीय है। उन्होंने गांव के प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति में सुधार के लिए विशेष प्रयास किए, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। उनके नेतृत्व में शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ छात्राओं को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया गया, ताकि वे पढ़ाई के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।

गौरतलब है कि श्रीमती लीना चैनु साहू ने गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गांव की महिला समूहों की महिलाएं शासन की योजनाओं से जुड़कर परिवार की आय में योगदान दे रही हैं। ग्राम पंचायत में महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया जाता है, जिसके तहत नियमित रूप से स्वास्थ्य परामर्श दिया जाता है, खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए।

श्रीमती लीना चैनु साहू के नेतृत्व में चिचदो गांव न सिर्फ महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन रहा है, बल्कि विकास की नई इबारत भी लिख रहा है। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और समर्पण ने गांव को एक नई पहचान दी है, और वे इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं कि जब महिलाएं नेतृत्व करती हैं, तो समाज में व्यापक बदलाव संभव है।

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