मनुष्य बड़ा होता है “मनुष्यता” से,ना कि योग्यता, पद, धन, प्रतिष्ठा या अन्य किसी चीज से…श्रीमती सविता शोरी…उन्होंने कहा कि हम सभी को समाज के गरीब एवं वंचित वर्गों के लोगों के मदद के लिए आगे आना चाहिए

राजनांदगाॅव:अंचल की सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सविता शोरी ने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री रामचन्द्र समूचे मानवता एवं हम सभी के आदर्श हैं। श्रीमती शोरी ने कहा कि भगवान श्री रामचन्द्र ने एक राजा, पुत्र, पति, भाई, शिष्य तथा बेहतरीन इंसान के रूप में जो आदर्श प्रस्तुत किया है। वह अनुपम एवं अद्वितीय है, पूरी दुनिया में उसका कोई तोड़ नहीं है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री रामचन्द्र के आदर्शों को आत्मसात करने की अपील भी की। श्रीमती शोरी रविवार 15 जनवरी को अम्बागढ़ चैकी विकासखण्ड के ग्राम गोपलिनचुवा में आयोजित रामायण महोत्सव को संबोधित कर रही थी। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थी। कार्यक्रम में कोष लेखा एवं पेंशन विभाग के प्रभारी संचालक श्री तिलक शोरी, जनपद सदस्य श्रीमती रागिनी शोरी, श्री राजेन्द्र नेताम, श्री छगन सिन्हा, श्री फिरत राम कुंजाम, श्री भूपेन्द्र कोर्राम, श्रीमती शारदा कोरेटी, श्रीमती उमा मण्डावी, श्री मधुसुदन गावरे, श्री लक्ष्मण कुंजाम सहित अन्य अतिथिगण उपस्थित थे।

इस अवसर पर श्रीमती सविता शोरी ने रामचरित मानस के महत्व एवं उद्देश्यों पर रोचक ढंग से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से गोस्वामी तुलसीदास जी ने यह प्रमाणित करने का प्रयास किया है मनुष्य बड़ा होता है, मनुष्यता से ना कि योग्यता, पद, धन, प्रतिष्ठा या अन्य किसी चीज से। कोष, लेखा एवं पेंशन विभाग के प्रभारी संचालक श्री तिलक शोरी ने कहा कि रामचरित मानस भारतीय संस्कृति एवं विश्व मानवता का अक्षय कोष है। उन्होंने कहा कि हम सभी को भगवान श्री रामचन्द्र जी के आदर्शों को आत्मसात करते हुए सामाज में प्रेम, भाईचारा, आपसी सहयोग जैसे गुणों को आत्मसात करने तथा लोभ, अहंकार, नशापान आदि बुराईयों का सर्वथा परित्याग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी को समाज के गरीब एवं वंचित वर्गों के लोगों के मदद के अलावा एक-दुसरे के सुख-दुख एवं जरूरत के समय में मदद हेतु अनिवार्य रूप से आगे आना चाहिए। उन्होंने ग्रामीणों को शिक्षा पर विशेष जोर देने तथा सभी बच्चों को उच्च शिक्षित बनाने की अपील भी की। कार्यक्रम को उपस्थित अन्य अतिथियों ने भी संबोधित करते हुए कार्यक्रम की सराहना की। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित मानस मंडलियों ने अपनी गायन, वादन एवं व्याख्या की सुमधुर प्रस्तुति से रसज्ञ श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।


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