“हीरू सीट कव्हर्स” अच्छी सिलाई, फिटिंग और फिनिशिंग के लिए जाने जाते हैं…मिलनसार व्यक्तित्व के धनी 65 वर्षीय शेख सलीम उर्फ हीरू की प्रेरणादायी कहानी

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कमलेश यादव : आंखों में चश्मा चेहरे पर हंसी बेहद सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी 65 वर्षीय शेख सलीम जिसे पूरा शहर हीरू के नाम से जानता हैं।संस्कारधानी राजनांदगाँव में नया बस स्टैंड में हीरू सीट कव्हर्स की दुकान है।विगत 50 वर्षों से बाइक,कार,बस सोफ़ा सेट कव्हर,बैग की गुणवत्तापूर्ण रिपेरिंग कार्य किया जाता है।यहां के दक्ष कारीगर फिटिंग सिलाई और अच्छी फिनिशिंग के लिए जाने जाते हैं। शेख सलीम उर्फ हीरू आटोमोबाइल और उन्हें बनाने में इस्तेमाल होने वाली जटिल बारीकियों को अच्छी तरह से समझते हैं।वाहन चालक हो या यात्री यहां से बने सीट कव्हर सभी के लिए सुविधाजनक और आरामदायक हैं।

सत्यदर्शन लाइव से बातचीत के दौरान पुरानी बातों को याद करके शेख सलीम जी काफी भावुक हो गए।उन्हें यह काम पिताजी स्व. बाबू भाई से विरासत में मिला था।पिताजी स्वयं एक कुशल कारीगर थे।वे पीढ़ियों से चले आ रहे इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।अम्मी स्व.राबिया बेगम द्वारा बचपन की दी हुई शिक्षा से स्वयं को हमेशा ऊर्जावान महसूस करते हैं। वे हंसते हुए कहते है कि अम्मी प्यार भी करती थी और जरूरत पड़ने पर कठोर अनुशासन में हमे रखती थी।

शेख सलीम कहते है कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नही है।पढ़ाई लिखाई के साथ साथ व्यक्ति को हुनरमंद भी होनी चाहिए ताकि किसी भी अनचाही परिस्थितियों का सामना हिम्मत से कर सकें।कोई भी व्यापार छोटा हो या बड़ा एक दिन में सफल नही हो सकता।समर्पित भाव से एक दिशा में किया हुआ कार्य  का सुखद परिणाम मिलता ही हैं।

बदलते वक्त के साथ लोगो की डिमांड भी चेंज होते गई।इसीलिए हीरू सीट कव्हर्स की कार्यशाला रचनात्मकता का केंद्र बन गई हैं।उन्होंने अपने उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायता के लिए कुछ कुशल कारीगरों को काम पर रखा हैं।वे कहते है कि खुशी होती है कि आज 06 कारीगरों के परिवार की आजीविका भी इस कार्य के बदौलत चल रही हैं।

सुबह 10 बजे से दुकान खुल जाती हैं।रात 8 बजे तक यही कोशिश रहती है कि जितने भी ग्राहकों का काम मिला हुआ है समय मे पूरा करें।शेख सलीम सभी कारीगरों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखते है।उन्हें अपने परिवार का हिस्सा समझते हैं।सुख में तो सभी साथ देते है बात तब बने जब कोई दुख में साथ खड़े रहें।

परंपरागत कार्यो को आगे बढ़ाते हुए शेख सलीम उर्फ हीरु सैकड़ो लोगो के लिए प्रेरणास्रोत हैं।वे ख़ासकर नौकरी के लिए दौड़भाग कर रहे युवाओं को कहते है कि कुछ हुनर भी सीखिए क्योंकि वक्क्त कब कहां लेकर चले जाय कोई नही जानता।सत्यदर्शन लाइव हीरू सीट कव्हर्स की हस्तनिर्मित उत्पादों की सुंदरता और कलात्मकता की सराहना करता है।यदि आप यहां आना चाहते है तो नया बस स्टैंड राजनांदगांव में यह दुकान स्थित है।

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