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माउंट एकांकागुआ अभियान 6962 M || चित्रसेन साहू || दक्षिण अमेरिका महाद्वीप उच्च शिखर
*अर्जेंटीना में स्थित है यह पर्वत जिसकी ऊंचाई 6962 मीटर(22841फीट) है*
कमलेश,रायपुर: सबसे खास और महत्वपूर्ण दिन हमारी जिंदगी में आखिर क्या हो सकती है जाहिर सी बात है जिस दिन हमारा जन्म हुआ और दूसरी दिन वो जब आपको पता लगे “क्यो” हुआ था जिंदगी का लक्ष्य स्पष्ट आईने की तरह साफ दिखाई देना शुरू हो जाता है।दृढ़ इच्छाशक्ति और पर्वतों की तरह अटल इरादों को लेकर एक बार फिर चित्रसेन साहू मिशन इंक्लूसन “अपने पैरों पर खड़े हैं” मिशन के तहत दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकांकागुआ फतह करेंगे।वे राज्य के ब्लेड रनर हाफ ह्यूमन रोबो’ के नाम से जाने जाते है।नए साल के आगमन की बेला में पूरे देश को चित्रसेन साहू खूबसूरत तोहफे के रूप में यह मिशन देना चाहते है। आइए जानते है इस अभियान से जुड़ी कुछ खास बातें।
*अभियान का महत्व -*
1 *हिमालय पर्वत श्रृंखला के बाहर विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउंट अकोंकागुआ*
2 *एशिया महाद्वीप के बाहर विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट अकोंकागुआ*
3 *दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी माउंट अकोंकागुआ*
4 *सेवन सम्मिट में दूसरा सर्वोच्च शिखर माउंट अकोंकागुआ*
5 *चित्रसेन छत्तीसगढ़ से माउंट एकॉनकागुआ और 4 विभिन्न महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने वाले राज्य के पहले व्यक्ति होंगे*
Expedition Details-
पर्वत श्रृंखला – एंडीज
देश – अर्जेंटीना
स्थान – मेंडोजा
महाद्वीप – दक्षिण अमेरिका
मिशन – Mission Inclusion
अनुमानित सम्मिट तिथि 04 January 2023
मिशन प्रारम्भ – 23 दिसम्बर 2022
*सहयोग – छत्तीसगढ़ शासन एवम कॉलेज पार्क हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड
विशेष धन्यवाद – श्री भूपेश बघेल जी माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन*
इससे पूर्व चित्रसेन साहू ने माउंट किलिमंजारो, माउंट कोजीअस्को और माउंट एलब्रुस फतह कर नेशनल रिकॉर्ड कायम किया था ,इसके साथ साथ एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंच चुके है। माउंट किलिमंजारो अफ्रीका महाद्वीप, माउंट कोजिअसको ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप और माउंट एलब्रुस यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत है ,चित्रसेन यह उपलब्धि हासिल करने वाले देश के प्रथम डबल एंप्यूटी है। चित्रसेन साहू ने बताया कि दोनों पैर कृत्रिम होने की वजह से पर्वतारोहण में बहुत कठिनाइयां आती है और यह अपने आप बहुत बड़ा चैलेंज है, जिसको उन्होंने स्वीकार किया है और *इनका लक्ष्य है सात महाद्वीप के साथ शिखर फतह करना है।जिसमे से एलब्रुस के साथ 3 लक्ष्य उन्होंने फतह कर लिया है।
पूर्व की पर्वतारोहण मिशन की जानकारी –
कैंपेन – अपने पैरों पर खड़े हैं (मिशन इन्क्लूजन)
1/ स्थान अफ्रीका महाद्वीप
देश तंजानिया
पर्वत किलिमंजारो(Kilimanjaro)
ऊंचाई 5685 मीटर
Summit –23-09-2019
2/ स्थान – ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप
देश – ऑस्ट्रेलिया
पर्वत – माउंट कोजीअस्को(Kosciuszko)
ऊंचाई – 2228 मीटर
Summit 02-03-2020
3/ स्थान – यूरोप महाद्वीप
देश – रूस
पर्वत – माउंट एलब्रुस
ऊंचाई – 5642 मीटर(18510 फीट
Summit- 23-08-21
4 एवरेस्ट बेस कैंप
5364 M
देश नेपाल
Summit 3 may 2022
अवगत हो कि *चित्रसेन साहू पर्वतारोही होने के साथ-साथ राष्ट्रीय व्हीलचेयर बास्केटबॉल एवम् राष्ट्रीय पैरा स्विमिंग के खिलाड़ी, ब्लेड रनर हैं।उन्होंने विकलांगो के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भी बहुत लंबी लड़ाई लड़ी है और शासन की अन्य नीतियो को अनुकूल बनाने के लिए काम कर रहे हैं।साथ ही चित्रसेन साहू ने 14000 फीट से स्काई डाइविंग करने रिकॉर्ड बनाया है और सर्टिफाइड स्कूबा डायवर है।*
मेरे लिए पर्वतारोहण का निर्णय आसान नहीं था क्योंकि भारत में अभी तक कोई भी डबल अंप्यूटी पर्वतारोही नहीं है जो पर्वतारोहण करता हो।सबके लिए स्वतंत्रता के मायने क्या है ??? वह बाहर घूमे फिरे ,कोई रोक-टोक ना हो, वह कहीं भी आ जा सके और मुझे घूमना और ट्रैकिंग बहुत पसंद था।*2014 में दुर्घटना में दोनो पैर खोने के बाद मेरे मन में भी यही स्वतंत्रता का भाव था जो मुझे धीरे-धीरे पर्वतारोहण के क्षेत्र में ले गया।* शुरुआत छोटे-छोटे छोटे-छोटे यात्रा से ट्रैकिंग में, ट्रेकिंग से माउंटेनियरिंग में तब्दील हुई। जब मैं छोटे-छोटे ट्रैकिंग में जाना शुरू किया तो आत्मविश्वास बढ़ता गया। कृत्रिम पैर होने से आपको एक सामान्य व्यक्ति से 65% ज्यादा ताकत और ऊर्जा लगती है और माउंटेन में जब अधिक ऊंचाई पर होते हैं तो ऑक्सीजन लेवल भी कम होता है और आप बाकी लोग की तुलना में थोड़े धीरे होते हैं तो यह और मुश्किल हो जाता है ऊपर से वातावरण का शरीर पर प्रभाव करने का डर अधिक रहता है किंतु मनोबल ऊंचा रहे तो सब संभव है।
मेरा यह मानना है कि जिंदगी पर्वत के समान है सुख दुख लगा रहता है उतार-चढ़ाव आते रहते हैं किंतु हमें इस एक सामान्य प्रक्रिया मानकर लगातार संघर्ष करना है और आगे बढ़ना है, हम यदि किसी भी समस्या को लेकर समाधान के बारे में एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े तो निराकरण जरूर संभव है।
चित्रसेन साहू ने बताया कि उन्होंने हमेशा से ही अपने लोगों के हक के लिए काम किया है ताकि उन लोगों के साथ भेदभाव ना हो। *शरीर के किसी अंग का ना होना कोई शर्म की बात नहीं है ना ये हमारी सफलता के आड़े आता है बस जरूरत है तो अपने अंदर की झिझक को खत्म कर आगे आने की। हम किसी से कम नहीं ना ही हम अलग हैं तो बर्ताव में फर्क क्यों करना हमें दया की नहीं आप सबके साथ एक समान ज़िन्दगी जीने का हक चाहिए ।*
*”अपने पैरों पर खड़े हैं”* मिशन इंक्लूसन के पीछे हमारा एक मात्र उद्देश्य है सशक्तिकरण और जागरूकता, जो लोग जन्म से या किसी दुर्घटना के बाद अपने किसी शरीर के हिस्से को गवां बैठते हैं उन्हें सामाजिक स्वीकृति दिलाना, ताकि उन्हें समानता प्राप्त हो ना किसी असमानता के शिकार हो तथा बाधारहित वातावरण निर्मित करना और चलन शक्ति को बढ़ाना। साथ ही चित्रसेन अखिल भारतीय महिला मारवाड़ी सम्मेलन के देह दान अंग दान जन कल्याण अभियान का मेसेज देंगे।