यात्रा वृतांत…कुएंमारी-मिड़दे-कोडाकल…मावा कोंडानार ग्रेट मिराकल…छत्तीसगढ़ बस्तर के कोंडागांव जिले की हंसीन वादियों में भी बेहद खूबसूरत कुएंमारी-मिड़दे-कोडाकल जलप्रपातें पर्यटकों को निहारने को पलकें पाँवड़े बिछाए बैठी हैं…चर्चित अन्तर्राष्ट्रीय खोजी लेखक युवा हस्ताक्षर विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर की खोजी यात्रा वृतांत

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देश की उर्वरा भूमि,भगवान श्रीराम का ननिहाल महाकौशल वाला छत्तीसगढ़ प्रदेश। छत्तीसगढ़ के पुरखौती मुक्तांगन में जीवंत सजा लोक संस्कृति जनजीवन का द्योतक बस्तर । छत्तीसगढ़ महतारी का सपूत लाडला आदिवासी वनांचल बस्तर। कभी मांदर की थाप पर तो कभी महुए की रम में रमा मदमस्त बस्तर,अल्हड़ मौन सौम्य बस्तर। बस्तर संभाग का तरक्क़ी का नया आयाम गढ़ता कोंडागांव जिला में स्थित वनाच्छादित केशकाल विकासखंड के अन्तर्गत आने वाला उपरी पठारी और मैदानी इलाका मारी के नाम से जाना जाता है,जो अपलक नयनाभिराम दृष्टिगोचर होता है। कभी धूर नक्सली इलाका माने जाने वाला यह क्षेत्र विकास के नये आयाम गढ़ रहा है। आज मांदर की थाप पर पर्यटन के पदचाप भी गूंज रहे हैं। सैलानियों की खिलखिलाहट और कुएंमारी मिड़दे कोडाकल के घुंघरू करसाड़(ककसाड़) करने को आतुर हैं। जरूरत है बस सजाने संवारने की फिर धमाल मचाने को पग घुंघरू बेताब हैं। सम्पूर्ण क्षेत्र वन सम्पदा का अकूत भंडार होने के साथ ही प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। जो किसी भी सैलानी का मन मोह लेने के लिए काफी है। प्रकृति की इन हंसीनवादियों में मन को लुभाने वाले पक्षियों की मधुर कलरव,हरे-भरे वन मन को अथाह सुकून के अहसास कराते हैं। कुछ दूर पहाड़ों को काटकर बनायी गयी सड़कें,बिकसित होते पुल-पुलिया अब खिलखिलाकर आपका स्वागत करने को आतुर हैं। वहीं इन वादियों को निहारने के बाद आपका मन भी आजादी के 7 दशक के बीते सपनों में खो जाता है। अपने अस्तित्व को संवारने को उत्साहित प्रकृति और जन-जीवन। इन सबके बीच मिलते ग्रामीणों के चेहरे पर चमक कहते हैं कि अब तो हमें न लुभावो,हम रफ्तार में हैं,कतार में हैं। ऐसा लगता है कि अब सपनों के उड़ान के पंख उगने लगे हैं। इन दिनों मोबाइल नेटवर्क भी यदा-कदा सुर और तान छेड़ देता है,जो मन को उमंग से सराबोर कर देता है।

*कैसे पहुंचते है हम-कुएंमारी मिड़दे कोडाकल*
यूं तो कोंडागांव जिला मुख्यालय से केशकाल से कुएंमारी तक पहुंचने के लिए आपको कच्ची एवं पथरीली होने के साथ ही लाल मुरमी सड़क (जो वर्तमान में सीसीरोड,पुलिया,ह्यूमपाईप पुलिया आदि निर्माण कार्य निर्माणाधीन है) से होकर सफर करना मजबूरी है,इसका कारण यह कि और कोई जाने का सुगम रास्ता नहीं है। आप राजधानी रायपुर की ओर से आ रहे हैं,और आपको कोडाकल मिड़ते लिंगोदरहा आमादरहा हटारकसा(कटुलकसा,होनहेड़)मुत्तेहड़का आदि जलप्रपातों का सैर करना है तो आपको 176 किमी की दुरी तय करना होगा,रायपुर से होते हुए,धमतरी,कांकेर,केशकाल से महज कुछ किमी दूरी पर पश्चिम की ओर बटराली ग्राम पंचायत स्थित है। बटराली से दक्षिण की ओर बावनीमारी और बावनीमारी से कुएंमारी तक और यदि आप जगदलपुर की ओर से यहाँ सैर करने आ रहे हैं तो आपको 158 किमी की दूरी तय कर,जगदलपुर से कोंडागांव,फरसगांव के बाद बहीगांव बेड़मा पार करते हुए पश्चिम की ओर ग्राम पंचायत बटराली पहुंचते हैं और बटराली से दक्षिण की ओर बा़वनीमारी और बावनीमारी कुएंमारी तक लगभग 27 किमी का सफर तय करना पड़ता है। यह जलप्रपात तीरथगढ़ जलप्रपात से कुछ मिलता-जुलता है,मगर प्रकृति के इन वादियों में सैर का मजा ही कुछ और है। जब हम सड़क मार्ग से कुएंमारी पहुंचते हैं तो आपको वन,डोंगरी,पहाडी़,सर्पाकार मिट्टी सड़क के साथ ही वनक्षेत्र को पार करके आपको एक गांव कुएंमारी के चौराहे(अटल चौंक) पर पहुंचते हैं,यहां पर आपको किराने की दुकान,कुछ डेलीनीड्स की दुकानें व गांव के माहौल में कुछ खपरैल व सीट के घर दिखते हैं।

जहां से उत्तर की ओर हम सहजता से चलते हैं और दांई ओर कोडाकल के लिए व बाई ओर सीधे मिड़दे के लिए रास्ता जाती है। यह मिड़दे जलप्रपात कुएंमारी से पश्चिम की ओर लगभग 1किमी की दूरी पर स्थित है। यूं कहें कि यह कोंडागांव जिले का सबसे बड़ा जलप्रपात एवं ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल है,तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। ग्राम पंचायत कुएंमारी प्रकृति की नैसर्गिक सौन्दर्य एवं बीहड़,सघन,दुर्गल घने जंगलो में कलकल-छलछल करती बहती मिड़दे नदी में स्वच्छ एवं सुन्दर जलप्रपात स्थित है, जिस जलप्रपात को मिड़दे जलप्रपात के नाम से जाना जाता है। यह जलप्रपात केशकाल से 27 किमी की दूरी पर स्थित है। जलप्रपात की उँचाई लगभग 70 फीट है,यह सीडी नुमा है और लगभग कोण बनाते हुए लगभग 8-9 मुख्य सीढ़ी से पानी गिरती है और यहाँ से आप नदी,नाले,झरना की सुंदर जलधारा और प्रकृति का मनमोहक नजारे को नयनाभिराम नयनों से निहार सकते हैं,यहाँ की हसीन वादिया आप के मन को गदगद एवं उन्मुक्त कर देगा मिड़दे कोडाकल लिंगोदरहा आमादरहा हटारकसा मुतेहड़का आदि जलप्रपात और झरनों का समूह दिनों-दिन आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, आपको प्रकृति अभिनंदन कर रही है एक बार जरूर पधारियेगा। यह बहुत ही बढ़िया पिकनिक स्पाँट भी है।

यदि आपको दुनिया के खूबसूरत स्थलों को देखने का जूनून हो तो कुएंमारी जरूर आइये। कुएमारी कोडाकल में आपसे प्रकृति मिलन को पलकें बिछाए इंतजार कर रही है।

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