वैज्ञानिकों ने एक सरल, किफायती, जैव-संगत, पारदर्शी नैनोजेनेरेटर का निर्माण किया है…वाइब्रेशन से बिजली पैदा करने वाली डिवाइस बनाई है

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“वैज्ञानिकों ने एक सरल, किफायती, जैव-संगत, पारदर्शी नैनोजेनेरेटर का निर्माण किया है जो ऑप्टोइलेक्ट्रोनिक्स, स्व-चालित उपकरणों तथा अन्य बायोमेडिकल ऐप्लीकेशनों में उपयोग के लिए चारों तरफ के वाइब्रेशन से बिजली पैदा कर सकता हैं। यह फैब्रिकेटेड डिवाइस हाथ से नरमी से थपथपाए जाने पर 11 एलईडी को एक साथ जला सकते हैं।

ग्लोबल वार्मिंग तथा ऊर्जा संकट के बढ़ते खतरे के कारण कम कार्बन उत्सर्जन के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों की खोज लगातार जारी है। नवीनीकृत ऊर्जा से जुड़े संसाधन इन समस्याओं का हल है। बिजली पैदा किए जाने की कुछ गैर पारंपरिक पद्धतियों में पाइजोइलेक्ट्रिक, थर्मोइलेक्ट्रिक तथा इलेक्ट्रोस्टैटिक तकनीक शामिल है जिसका उपयोग टच स्क्रीन, इलेक्ट्रोनिक डिस्प्ले आदि जैसे डिवाइसों में किया जाता है।

ट्राइबोइलेक्ट्रिक नैनो जेनेरेटर (टीईएनजी) बिजली पैदा करने के लिए विभिन्न रूपों में हर जगह पाए जाने वाले वाइब्रेशन के रूप में मैकेनिकल एनर्जी का उपयोग करता है। ऊर्जा संचय करने वाला टीईएनजी दो असमान सामग्रियों के तात्कालिक भौतिक संपर्क के माध्यम से इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज के निर्माण के सिद्धांत पर काम करता है। यह तंत्र इलेक्ट्रॉनों को ट्राइबो परतों से बनी झिल्ली या फिल्म के बीच आगे-पीछे करता है। टीईएनजी को डिजाइन करने के लिए आज तक उपयोग किए गए तरीके महंगे थे, जैसे फोटोलिथोग्राफी और अतिरिक्त प्रक्रिया जैसे इलेक्ट्रोड तैयार करना आदि का उपयोग किया जाता था।”

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत बंगलुरु स्थित एक स्वायत्तशासी संस्थान सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साईंसेज के डॉ. शंकर राव एवं उनकी टीम ने थर्मोप्लास्टिक पोलियूरेथैन्स (टीपीयू) का उपयोग करते हुए एक पारदर्शी टीईएनजी डिजाइन की है। इसे डिजाइन करने के लिए डॉक्टर्स ब्लेड तकनीक का उपयोग किया गया है। इस तकनीक के द्वारा तैयार डिवाइस काफी प्रभावी, मजबूत भी होती है तथा प्रचालन के लंबे समय तक रिप्रोड्यूसिबल आउटपुट प्रदान करती है। इसके परिणाम ‘जर्नल ऑॅफ नैनोसाईंस तथा नैनोटेक्नोलॉजी’में प्रकाशित हुए थे।

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