कमलेश यादव:आईटीबीपी जवानो द्वारा ऊंची चोटियों पर सीमाओं की सुरक्षा प्रदान की जाती है, साथ ही देश के आंतरिक क्षेत्रो में भी रचनात्मक सुधार की ओर कार्य कर रही है।शौर्य – दृढ़ता- कर्म निष्ठा के उद्देश्य को लेकर अपने कर्तव्य पथ पर निरन्तर अग्रसर है।माओवादी बाहुल्य क्षेत्र कोंडागांव में 41वीं बटालियन आईटीबीपी के एचसी त्रिलोचन मोहंता और सीटीजीडी धर्मापदा किस्कु ने सितंबर 2016 से स्थानीय छात्रों के सपने को पंख दिए है।उनके द्वारा प्रशिक्षित 70 से अधिक युवा तीरंदाज राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में जिले और राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं।
युवा तीरंदाजों की फ़ौज…
HC Trilochan Mohanta of 41st Battalion ITBP trains local students of Kondagaon since 2015. More than 60 young archers are now ready to represent the District and the State in the national archery competitions. #Himveers pic.twitter.com/BOl6NWhs3B
— ITBP (@ITBP_official) June 19, 2021
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कोंडागांव में छोटे छोटे बच्चे गांव में अपने गुलेल से चिड़ियों का शिकार करते है उनके अंदर छिपी प्रतिभा को तराशने का बीड़ा उठाया त्रिलोचन मोहंता ने।वास्तव में आईटीबीपी जवान स्वयं तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ी रह चुके है।राष्ट्रीय कैम्प में कोचिंग में भी रहे है। बच्चों में अपनी ही छवि देखकर उनको प्रशिक्षित करने का फैसला लिया है।शुरुआत में कुछ बच्चे रुचि लिए जिसमे ज्यादातर बालक छात्रावास और कस्तूरबा बालिका छात्रावास (100सीटर) के छात्र-छात्रा थे,अब काफी सारे छात्र हो गए है। सुबह शाम तीरंदाजी ट्रेनिंग बच्चों को देते है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के नाम को रोशन करने के लिए तैयार है।
प्रेरणा
आईटीबीपी के सुरेंद्र सिंह खत्री(डीआईजी) के मार्गदर्शन में ही सब सम्भव हो पाया है।वे हमेशा प्रोत्साहित करते रहे है।आईटीबीपी युद्धवीर सिंह राणा (कमांडेंट),आईटीबीपी पवन कुमार (कमांडेंट) ने भरपूर सहयोग दिया है।आईटीबीपी के साथी जवानों द्वारा भी बच्चों का उत्साहवर्धन किया जाता है।सभी के सामूहिक प्रयास से आज बस्तर जैसे क्षेत्र में युवाओ को खेल के माध्यम से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने की तैयारी चल रही है।
युवाओ से दो बातें
प्रतिभा सभी के अंदर असीमित मात्रा में मौजूद है।आप जो चाहे कर सकते हो,बन सकते हो।कोई किसी से कम नही है।मार्ग के रुकावटों को सीढ़ी बनाकर अपने लक्ष्य को साधने की जरूरत है।आर्थिक समस्याएं सभी के जीवन मे आती है लेकिन याद रखिये जितने भी महान व्यतित्व हुए है विपरीत परिस्थितियों में कुंदन बनकर निखरे है।उठिए और अपने नेत्र केवल लक्ष्य की ओर केंद्रित करके निशाना साधिए यकीन मानिए सफलता निश्चित है।
आईटीबीपी द्वारा परिवर्तन की बयार बस्तर संभाग में लाया जा रहा है।अभी भी यहां बहुत काम करने की जरूरत है।गांव में प्रतिभा खोज अभियान की आवश्यकता है ताकि उत्कृष्ट धनुधर अर्जुन जिसकी तलाश हर युग मे रही है पूरा हो सके।सत्यदर्शन लाइव चैनल सलाम करता है त्रिलोचन मोहंता जैसे जवानों को जिसने बच्चो के सपनों को नया आकार दिए है।अपने पैसे से रिकर्व और कम्पाउंड खरीदकर आदिवासी बालक-बालिकाओं को राष्ट्रीय स्तर का तीरंदाज बना दिया है।