औषधीय गुणों से भरपूर ब्लैक राइस की खेती से नवाचारी प्रयोग…युवा कृषक ने विशेष प्रजाति की धान की खेती करके नया अध्याय शुरू किया है…काले चावल के अंदर कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट गुण और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आपको जिंदगी भर सेहतमंद रख सकते हैं

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अभिषेक:छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है।यहां की भूमि और सिंचाई व्यवस्था के चलते यहां हमेशा से धान की अच्छी और बेहतर पैदावार होती है।आज हम बात करेंगे ऐसे युवा कृषक के बारे में जिन्होंने ब्लैक राइस खेती करके नवाचारी प्रयोग किया है।राजनांदगांव शहर से लगे हुए मोहड़ वार्ड में बोधीश साहू 2 एकड़ पर औषधीय गुणों वाली ब्लैक राइस की खेती की है।इस चावल में खुशबू और स्वास्थ्य का खजाना है।तेजी से लोकप्रिय हो रहे काले धान की खुशबू राजनांदगांव तक पहुंच चुकी है।

हमारे देश में चावल का सेवन सदियों से किया जा रहा है। आज से कुछ समय पहले तक ज्यादातर लोगों को केवल सफेद चावल के बारे में ही जानकारी थी। लेकिन अब लोग चावल की अलग-अलग किस्मों को ना केवल जान रहे हैं बल्कि इनका सेवन भी कर रहे हैं। ऐसे में आप काले चावल को ही ले लीजिए।

दरअसल काले चावल ओरीजा सैटिवा प्रजाति से आते हैं। प्राचीन काल में चीन के अंदर इन काले चावल के पोषक तत्वों को देखते हुए इसे रॉयल्टी में शामिल किया गया था। आपको बता दें कि काले चावल के अंदर कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट गुण और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आपको जिंदगी भर सेहतमंद रख सकते हैं। आज इन काले चावलों के जरिए विश्व भर में तरह-तरह की खाद्य सामग्री तैयार की जाती है। जिनका लुत्फ आप भी उठा सकते हैं। लेकिन इससे पहले जरा काले चावल के फायदे जानिए।

आयरन और प्रोटीन का खजाना है
अगर आप अपनी रोजाना की डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं, तो आप काले चावल का सेवन कर सकते हैं। आपको बता दें कि 10 ग्राम ब्लैक राइस में लगभग 9 ग्राम प्रोटीन होती है, जो ब्राउन राइस के मुकाबले कहीं अधिक है।यही नहीं इसमें आयरन भी मौजूद होता है जो शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए बेहद जरूरी है।

आज तक आपने ऐसी बहुत सी खाद्य सामग्रियों का सेवन किया होगा जिनमें एक, दो या पांच एंटीऑक्सीडेंट होंगे। लेकिन ब्लैक राइस में एक या दो नहीं बल्कि पूरे 23 एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट गुण आपको ऑक्सीडेटिव तनाव से राहत दिलाते हैं। ज्ञात हो कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की वजह से कैंसर, हृदय रोग और अल्जाइमर जैसी समस्या पैदा होती है। आप इन सभी समस्याओं से ब्लैक राइस की वजह से बचे रह सकते हैं।

यही नहीं इसके अंदर कई तरह के फ्लेवोनोइड्स और कैरोटीनॉयड होते हैं। यह भी आपको सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं। इस लिहाज से आप ब्लैक राइस को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

अब तक ब्लैक राइस को लेकर कई शोध हो चुके हैं जो हृदय रोगों से बचाने के दावे कर रहे हैं। हालांकि यह अध्ययन अभी उतने अधिक नहीं हुए हैं। आपको बता दें कि ब्लैक राइस को लेकर जानवरों और इंसानों पर कई शोध हुए हैं जिनमें एंथोसायनिन की भूमिका को जांचा गया है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में सुधार देखा गया है।

120 वयस्कों पर हुए एक अध्ययन में 12 सप्ताह तक हर व्यक्ति को 80 मिलीग्राम एंथोसायनिन कैप्सूल दिए गए। जिसके बाद देखा गया कि इन लोगों में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा है और बैड कोलेस्ट्रॉल कम हुआ है। इन अध्ययनों को देखकर लगता है कि यह हृदय के लिए फायदेमंद है। लेकिन अभी इस पर कुछ और अध्ययनों की आवश्यकता भी है।

ब्लैक राइस को लेकर हुए कई अध्ययनों में ऐसा पाया गया है कि जो लोग अधिक मात्रा में एंथोसायनिन का सेवन करते हैं उन्हें कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा कम होता है। इसके अलावा हुए टेस्ट ट्यूब अध्ययन में पया गया कि काले चावल में मौजूद एंथोसायनिन ने महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की कोशिका को कम कर दिया। साथ कैंसर के फैलने की गति को भी धीमा कर दिया। इन अध्ययनों में भले ही अब तक अच्छे प्रमाण हासिल हुए हों। लेकिन अभी इस पर अन्य अध्ययन की आवश्यकता है।

ब्लैक चावल के अंदर जेक्सैन्थिन और ल्यूटिन मौजूद होता है जो दो प्रकार की कैरोटीनॉयड यह आंखों को स्वस्थ रखने में कारगर सिद्ध हो सकते हैं।आपको बता दें कि यह यौगिक आपकी आंखों को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक मुक्त कणों से राहत दिला सकते हैं।

साथ ही ब्लैक राइस के अंदर मौजूद इन गुणों पर जब अध्ययन किए गए तो इसमें पाया गया कि यह मोतियाबिंद जैसी समस्या से भी राहत दिला सकते हैं जो एक उम्र के बाद लोगों को होने लगती है। हालांकि इस पर अभी अध्ययन केवल चूहों पर ही किया गया है इंसानों पर नहीं।

अगर आप वजन घटाना चाहते है तो आप ब्लैक राइस का सेवन कर सकते हैं। आपको बता दें कि ब्लैक राइस के अंदर मौजूद प्रोटीन और फाइबर आपका पेट भी लंबे समय तक भरा रख सकते हैं और आपका वजन घटाने में कारगर सिद्ध हो सकते हैं। इसके अलावा एंथोसायनिन को भी वजन घटाने में कई अध्ययनों में कारगर माना गया है। हालांकि यह रिसर्च अभी तक इंसानों पर नहीं हुई हैं। इसलिए इस पर अभी और अध्ययन बाकी हैं

आप शायद जानते ही होंगे कि ग्लूटेन फ्री एक तरह का प्रोटीन होता है जो कई तरह के अनाज में पाया जाता है जैसे गेहूं, जौ और राई आदि। ऐसे लोग सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों को इस प्रोटीन से बचना होता है क्योंकि यह उनकी आंत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में अगर आप सीलिएक रोग से पीड़ित हैं तो आप ब्लैक राइस का लुत्फ ले सकते हैं, क्योंकि यह आपकी स्थिति को बिगाड़ेगा नहीं।

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