फाइव ऑवर एनर्जी ड्रिंक”को बनाने वाले व “फ्री इलेक्ट्रिक हाइब्रिड बाइक” के सूत्रधार इस भारतीय-अमेरिकन ने विश्व को बदलने के लिए जो रास्ता चुना, वह लोग सपने में ही सोच पाते हैं। वे और कोई नहीं मनोज भार्गव हैं, जिन्होंने अपने अरबो डॉलर क़ीमत के प्रोजेक्ट का 99 प्रतिशत हिस्सा मानवता के लाभ में खर्च करने का संकल्प किया है।
मनोज भार्गव का जन्म लखनऊ में हुआ। 1967 में मनोज अपने माता-पिता के साथ फिलाडेल्फीया चले गए। उन्होंने हिल स्कूल ,पोटस्टाउन से शिक्षा प्राप्त की। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वे भारत आ गए। उन्होनें अपने अगले बारह वर्ष यात्रा करते हुए बिताये। इस दौरान उन्होंने हंसलोक आश्रम के स्वामित्व वाले मठों में भी अपना समय बिताया। मनोज ने इस दौरान कई तरह के काम किये, जिसमें उन्होंने कंस्ट्रकशन -मजदूर, सफाई ठेकेदार, अकाउंटिंग क्लर्क, टैक्सी ड्राइवर , प्रिंटिंग प्रेस ऑपरेटर, और बिज़नस-मैनेजर का काम किया। इसके बाद वे अपने पिता के प्लास्टिक बिज़नेस का काम संभालने यूएस लौट गए। कुछ छोटी कंपनियों के विलय और अधिग्रहण के बाद भार्गव ने अपना ध्यान प्लास्टिक उद्योग से हटा कर रासायनिक उद्योग में लगा दिया और करोड़पति बन गए।
मनोज भार्गव ने 2004 में एक प्रोडक्ट बनाया जिसका नाम “फाइव ऑवर एनर्जी ड्रिंक” है। यह एनर्जी ड्रिंक का व्यवसाय लिविंग एसेंशियल LLC के अन्तर्गत आता है। एक साल के अंदर ही यह अमेरिका का सबसे लोकप्रिय पौष्टिक पेय-जल बन गया। जिसकी कमाई पहले वर्ष में ही 1.25 अरब डॉलर हो गई।
साल 2012 में मनोज भार्गव ने अपने बलबूते पर अपना नाम बनाया। उन्होंने बिल गेट्स के चैलेंज को, जिसमें धनी अपने संपत्ति का बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यो के लिए दान में देते हैं, स्वीकार कर अपनी विपुल संपत्ति का 99% हिस्सा देने का संकल्प लिया। उन्होंने “स्टेज 2 इनोवेशन” की स्थापना की, जिसमे उन्होंने नई तकनीक वाले उद्योगों के व्यावसायीकरण में मदद की और उनके सशक्तिकरण पर भी बल दिया। यह संस्था लोगों को व्यावहारिक बिज़नस के तरीके बताती है और उन्हें चलाने में मदद करती है। जरुरत पड़ने पर नए व्यवसायी और नए तरीकों को बाजार में सफल बनाने की लिए भी सपोर्ट करती है। उनके ऐसे बहुत से प्रोजेक्ट हैं जो सच में संसार को बदलने की ताकत रखते हैं