कमलेश:भाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम होता है अपने विचारों को एक दूसरे के साथ साझा करने से उस क्षेत्र विशेष के बारे में अन्य लोग आसानी से समझ सकते है क्योकि उस जगह की संस्कृति की आत्मा भाषा बोली में समाहित होती है।छत्तीसगढ़ की अपनी भाषा छत्तीसगढ़ी बड़ी मनमोहक और कर्णप्रिय है।उत्तरी अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन(NACHA) द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया गया।
गौरतलब है कि NACHA इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ी भाषा दिवस २८ नवम्बर २०२२ को बड़े ही गर्व और उत्साह से मनाया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉक्टर सुरेंद्र दुबे जी,जिन्होंने अपने कविताओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ी भाषा को हर दिल में जीवंत किया हुआ है और जो छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यसभा सेक्रेटेरी रहते हुए छत्तीसगढ़ी भाषा का चहुओर प्रचार- प्रसार किये है।कार्यकम की दूसरे मुख्य अतिथि डॉक्टर चत्तिरंजन कर जी, जो पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय के पूर्व – साहित्य एवं भाषा के अध्यापक एवं उच्चाधिकारी रहे है, जिनका छत्तीसगढ़ी भाषा में निरंतर योगदान अद्वितीय है । कार्यकम का संचालन एवं रूपरेखा श्रीमती मीनल मिश्रा जी – जो NACHA की इग्ज़ेक्युटिव वाइसप्रेसिडेंट, डेन्वर – US से है और उसकी सहभागी श्रीमती शशि शाहू जी – जो NACHA की joint सेक्रेटेरी शिकागो-US से है, के द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा में ही किया गया। कार्यकाम के मुख्य संवाददाता श्री नीरज शर्मा जी मेलबर्न -ऑस्ट्रेल्या से जुड़े और साथ ही श्री महेंद्र चंद्राकर जी जो कार्यकम में जो डेन्वर – अमेरिका से जुड़े।
जैसा की हम सभी को विदित है – छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विधेयक २८ नवम्बर २००७ को पारित किया गया था और उसी विधेयक के पास होने के उपलब्धि में हर साल २८ नवम्बर को राजभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है । छत्तीसगढ़ी राजभाषा का प्रकाशन ११ जुलाई २००८ को राजपत्र में किया गया तथा आयोग का गठन किया गया जिसके प्रथम सचिव पद्मश्री डॉक्टर सुरेंद्र दुबे रहे।
आज के कार्यकम का आयोजन NACHA founder member श्री गणेश कर जी एवं श्रीमती दीपाली जी मार्गदर्शन में किया गया । कार्यकम ऑनलाइन Zoom meeting एवं Facebook live के माध्यम से मीनल एवं शशि जी के छत्तीसगढ़ी संवाद, और उस में कविराज पद्मश्री सुरेंद्र दुबे जी की दार्शनिक दूरदर्शिता एवं हास्यछंद का आनंद दुनिया के कोने कोने से छत्तीसगढ़ीयो ने लिया।राजभाषा दिवस में छत्तीसगढ़ के युवा भविष्य ने भी बड़ चड के हिस्सा लिया – आरव मिश्रा एवं नाईरा मिश्रा जो अपनी मिट्टी से दूर डेन्वर -USA में रहते हुए भी अपनी संस्कृति को जीवित और संजो कर रखा है, दोनो ने एक एक छत्तीसगढ़ी कविता पडी । उनके बाद पार्थ नायक एवं अथर्व नायक – जो डेन्वर – USA है, दोनो ने साथ मिल कर – “मोर भुइयाँ के गुनगान” कविता का पाठ किया । एकओर नीरज शर्मा जी तथा महेंद्र चंद्राकर जी के छत्तीसगढ़ी भाषा और उसके विस्तार के सम्बंध में प्रकाश डाला तो दूसरी ओर पद्मश्री डॉक्टर सुरेंद्र दुबे जी एवं डॉक्टर चिरंतन कर जी में एक बार फिर आयोग के उद्देश को याद दिलाया क्योंकि “किसी प्रदेश की राज्य सरकार के द्वारा उस राज्य के अन्तर्गत प्रशासनिक कार्यों को सम्पन्न हेतु जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है उसे राज्यभाषा कहते है।”इसलिए डॉक्टर दुबे जी के कहा “ छत्तीसगढ़ी भाषा को राजकाज भाषा मे उपयोग में लाना ही छत्तीसगढ़ी भाषा का दर्जा देना है” दूसरी ओर डॉक्टर कर जी ने “ छत्तीसगढ़ी भाषा को पाठ्यक्रम में सम्मलित होने की इच्छा जताई है ।
NACHA ने आज के विशिष्ट दिन में मासिक “छत्तीसगढ़ी गोठिया” (Chhattisgarhi Talk-Show) की घोषणा की, साथ -साथ छत्तिसकोश – अंतरष्ट्रिय छत्तीसगढ़ी भाषा अनुवांतरण प्रोजेक्ट के बारे और उसके अवतरण के गतिविधियो के बारे में सभी को अवगत कराया ।
कार्यकम का समापन मुख्यअतिथि एवं समस्त छत्तीसगढ़ वासियो को आभार वक्त करके किया गया और छत्तीसगढ़ी भाषा का उपयोग एवं प्रचार करने हेतु उत्साहित किया गया कार्यक्रम में NACHA के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय executive सदस्यों ने हिस्सा लिया जिनमे – दीपाली सराओगी ( founder), गणेश कर (executive प्रेसिडेंट), शत्रुघ्न बरेट (Executive VP), वसंत नाइक ( अडवाइज़र), दीप्ति बानी ( औस्ट्रेलिया प्रेसिडेंट), अरविंद केशरी ( औस्ट्रेलिया अड़वाइज़र), तीजेंद्र साही ( Executive VP), नमिता केस्था ( अड़वाइज़र), वंदना ददसेना ( VP शिकागो), अभिजात मिश्रा ( डेन्वर लीड), अमित उपाध्याय ( UAE लीड), दामेश मानिकपूरी (UAE executive), ज्योत्सना साहू, चंद्रशेखर (अड़वाइज़र), Dileep तिवारी ( मिशिगन प्रेसिडेंट) तथा अन्य देशों के executive सदस्यों ने आज के विशिष्ट छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस में भाग लिया ।