कमलेश यादव : हमारे समाज में कई महिलाएं हैं, जो अपनी आत्मशक्ति और संघर्ष से जीवन की कठिनाइयों को पार कर रही हैं। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है श्रीमती रश्मि हरिहारनो की, जिनका जीवन मातृशक्ति, आत्मनिर्भरता और साहस की जीती-जागती मिसाल है। उनके जीवन का एकमात्र मूलमंत्र खुद को लगातार अपडेट करते हुए आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ना है। आज वह पूरे प्रदेश में ब्यूटीशियन के क्षेत्र में जाना-माना नाम बन गई हैं।
श्रीमती रश्मि हरिहारनो कहती हैं कि ब्यूटीशियन तो बहुत हैं लेकिन जो लोग नए-नए प्रयोग करते हैं और समय के साथ आगे बढ़ते हैं उनकी अलग ही विशेषता होती है। इसलिए मैं खुद को नई चीजों से अपडेट रखती हूं। उनके जीवन का हर कदम नारी शक्ति की कहानी कहता है, जो कठिनाइयों को अवसर में बदलती है और अपने और समाज के लिए एक नया रास्ता बनाती है।
“रश्मि ब्यूटी पार्लर एंड स्पा सेंटर” की शुरुआत में उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके धैर्य, सेवा की गुणवत्ता और ग्राहकों के विश्वास ने उन्हें सफलता दिलाई। आज उनका ब्यूटी पार्लर एक प्रतिष्ठित नाम है, जहाँ न केवल महिलाओं की सुंदरता को निखारा जाता है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और आत्मसम्मान का एहसास भी कराया जाता है।
रश्मि जी कहती हैं, “चुनौतियाँ हर किसी की ज़िंदगी में होती हैं, लेकिन मैंने उन्हें अपने करियर की सीढ़ी बना लिया। आज मैं जिस मुकाम पर हूँ, वो इन्हीं संघर्षों की वजह से हूँ। मैं चाहती हूँ कि हर लड़की अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करे, फिर चाहे रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं।”
एक मध्यमवर्गीय परिवार में आर्थिक सीमाएं जरूर होती है लेकिन सपनों की उड़ान को कौन रोक पाया हैं। इसलिए उन्होंने अपने पार्लर में काम करने वाली लड़कियों को ट्रेनिंग देना शुरू किया और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। आज उनके स्पा सेंटर से जुड़ी कई ब्यूटीशियन अपनी खुद की पहचान बना रही हैं। यह राह आसान नहीं थी, लेकिन उनके साहस और दृढ़ निश्चय ने उन्हें कभी हार नहीं मानने दी।
श्रीमती रश्मि हरिहारनो की कहानी मातृशक्ति की प्रतीक है। नवरात्रि के इस पर्व पर, जहां हम देवी दुर्गा की पूजा करते हैं, हमें रश्मि जैसी महिलाओं से प्रेरणा लेकर समाज को सशक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए। उनके संघर्ष, साहस और मातृत्व की भावना नारी शक्ति का सच्चा रूप है।