*अपने पुरखों की पावन धरती पर महामहिम के हाथों सम्मान बेहद महत्वपूर्ण : डॉ राजाराम त्रिपाठी,*
*40-चालीस लाख रु. के ‘पाली-हाउस’ के सस्ते, टिकाऊ और ज्यादा लाभ देने वाले विकल्प ‘नेचुरल ग्रीन हाउस’ (लागत मात्र डेढ़ लाख रु.) को लेकर देश विदेश में चर्चा में हैं डॉ. राजाराम,*
*बीएससी ,(गणित), एलएलबी, कार्पोरेट-ला एवं पांच अलग-अलग विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्रियों तथा डॉक्टरेट की उपाधि के साथ देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे अग्रिम पंक्ति के किसान-नेता के रूप में जाने जाते हैं डॉ राजाराम,*
विगत 30 वर्षों से अधिक समय से हर्बल कृषि के क्षेत्र में नित नए नए शोध एवं प्रयोगों की वजह से हर्बल कृषि में वैश्विक स्तर पर लगातार कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए, कृषि को फायदे का सौदा बनाकर उससे लाभ प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ बस्तर कोंडागांव के प्रसिद्ध हर्बल कृषक डॉ राजाराम त्रिपाठी को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामहिम कलराज मिश्र राज्यपाल राजस्थान ने मंच से सम्मानित किया। यह अवार्ड उन्हें दैनिक जागरण समूह के द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।
*इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण था, कई पीढ़ियों पूर्व प्रतापगढ़ से छत्तीसगढ़ जा बसे त्रिपाठी परिवार पीढ़ी के छत्तीसगढ़ बस्तर की माटी के लाल डॉ राजाराम त्रिपाठी द्वारा खेती,किसानी में शोध तथा नवाचार तथा जनजातीय समुदायों की कई दशकों की अनर्हिश सेवा हेतु “जागरण एक्सीलेंस अवॉर्ड” से सम्मानित करना।
अपरिहार्य कारणों से चाहते हुए भी कार्यक्रम में न पहुंच पाने के कारण डॉ राजाराम त्रिपाठी की ओर से यह अवार्ड मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के वरिष्ठ सदस्य तथा उत्तर प्रदेश प्रभारी चंद्रशेखर मिश्रा व डॉक्टर त्रिपाठी के अनुज योगेश त्रिपाठी ने ग्रहण किया।
डॉक्टर त्रिपाठी ने कार्यक्रम में पहुंचने की असमर्थता हेतु हेतु क्षमा याचना सहित लिखित संदेश में कहा कि उनका परिवार पिछले पांच पीढ़ियों से बस्तर की सेवा कर रहा है। मेरी जन्मभूमि तथा कर्मभूमि दोनों ही बस्तर है, और मैं बस्तर से सर्वाधिक प्यार करता हूं। साथ ही हमारे पुरखों की धरती प्रतापगढ़ से भी हमें बहुत लगाव है और हमारे लिए यह किसी तीर्थ स्थल से काम नहीं है। प्रतापगढ़ के किसानों की उन्नति हेतु वह हर संभव सहायता करने के लिए भी तैयार हैं। इस हेतु वह जल्द ही प्रतापगढ़ आएंगे।
डॉक्टर त्रिपाठी ने उन्हें सम्मानित करने हेतु देश के लोकतंत्र के चौथे स्तंभों में सबसे बड़े मजबूत स्तंभ देश के अग्रणी जागरण समूह का दिली आभार व्यक्त किया तथा स्थानीय संस्थाओं, माननीय जनप्रतिनिधियों, स्थानीय प्रशासन और स्थानीय मीडिया के साथियों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान दरअसल उनका सम्मान नहीं है, यह तो बस्तर की माटी का सम्मान है और उन्होंने अपने सम्मान को “मां दंतेश्वरी हर्बल समूह” परिवार के सभी सदस्यों को सादर समर्पित किया। आगे उन्होंने कहा कि मां दंतेश्वरी की कृपा,बस्तर के माटी के प्रताप एवं मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के साथियों के कठोर परिश्रम से उन्हें देश-विदेश में सैकड़ो अवार्ड तथा पुरस्कार मिले हैं। किंतु अपने पुरखों की पावन धरती पर देश के जननायकों के हाथों सम्मानित होना मेरे जीवन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
गौरतलब है कि डॉ त्रिपाठी द्वारा “माँ दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर ” के जरिए विगत तीन दशकों से कई प्रकार के देश विदेश में भारी मांग वाली हर्बल फसलों जैसे सफेद मूसली,स्टीविया,काली मिर्च,आस्ट्रेलियन टीक आदि फसलों की गुणवत्ता उत्पादकता तथा लाभदायकता बढ़ाने के दृष्टिकोण से इनपर निरन्तर शोध कार्य करते हुए कई हर्बल फसलों की उन्नत किस्में भी डॉ त्रिपाठी के द्वारा विकसित की गई हैं। इन नई किस्मो के अंकुरण दर और उनकी उत्पादन क्षमता में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इनके द्वारा विकसित की गई उन्नत किस्म की काली मिर्च “मां दंतेश्वरी काली मिर्च-16” और ‘आस्ट्रेलियन टीक’ की सफल जुगलजोड़ी ने कृषि जगत में ही नहीं वल्कि अंतरराष्ट्रीय कृषि क्षेत्र में भी धूम मचाई है । हाल में ही इन्हें 40 लाख रुपए में बनने वाले 1 एकड़ के “पाली हाउस” का मात्र डेढ़ लाख रुपए में सस्ता टिकाऊ और ज्यादा लाभ देने वाला नैसर्गिक विकल्प “नेचुरल ग्रीन हाउस” के सफल मॉडल हेतु, देश के कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के हाथों देश के सर्वश्रेष्ठ किसान (Best Farmer Award-23) का अवार्ड भी प्रदान किया गया है। बीएससी ,(गणित), एलएलबी, कार्पोरेट-ला एवं पांच अलग-अलग विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्रियों तथा डॉक्टरेट की उपाधि के साथ डॉ त्रिपाठी देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे अग्रिम पंक्ति के किसान-नेता के रूप में भी जाने जाते है । सबसे बड़ी बात यह है कि इनके इन रिसर्च तथा नवाचारों के फायदे बस्तर छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसान उठाने लगे हैं। डॉ त्रिपाठी के उच्च लाभदायक बहुस्तरीय खेती तथा नेचुरल ग्रीनहाउस के ‘कोंडागांव-मॉडल’ को देश की खेती का गेम चेंजर माना जा रहा है