लोकतंत्र का पर्व…छत्तीसगढ़ में पहले चरण की वोटिंग शुरू…बस्तर की 12 और दुर्ग संभाग की 8 सीटों पर मतदान आज

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नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मंगलवार यानि आज के दिन 20 सीटों पर वोटिंग शुरू हो चुकी है। इन 20 सीटों में से बस्तर रेंज की 12 सीटें शामिल हैं। छत्तीसगढ़ का पूरा चुनाव वादों के इर्द गिर्द घूम रहा है। चुनाव नतीजा इस बात पर निर्भर करेगा कि जनता किसके वादों पर भरोसा करती है और किसके वादे उसे ज्यादा लुभाते हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों की बीच ही यहां वादों की जंग हैं। दोनों पार्टियों ने लगभग एक जैसे वादे किए हैं लेकिन टक्कर कांग्रेस के कर्ज माफी और फ्री बिजली के दांव और BJP के विवाहित महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपये देने के वादे के बीच है।

दरअसल, प्रदेश में 7 नवंबर के दिन होने वाले पहले चरण के लिए देश की दिग्गज पार्टियों ने अपने- अपने घोषणा पत्र जारी किए। जिसमें जनता के लिए वादों की झड़ी लगा दी। उनकी पार्टी जीतने पर जनता के लिए इन वादों को पूरा किया जाएगा। चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है। अब यह देखना है कि जनता किसके वादों को समझ बहुमत देती है।

बीजेपी (BJP) ने वादा किया है कि उनकी सरकार बनने पर 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी 3100 रुपए में की जाएगी। किसानों को एक मुश्त भुगतान किया जाएगा। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीद की जाएगी और धान 3200 रुपये में खरीदेगी। अभी भी 20 क्विंटल की खरीद की जा रही है लेकिन दाम अभी 2800 रुपये दे रहे हैं। BJP-कांग्रेस दोनों ने ही वादा किया है कि भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को हर साल 10,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। कांग्रेस सरकार अभी 7 हजार रुपये दे रही है। BJP ने तेंदुपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 5500 रुपये और 4500 के बोनस का वादा किया है तो कांग्रेस ने प्रति बोरा 6 हजार रुपये और 4 हजार रुपये बोनस का वादा किया है। BJP ने 500 रुपये में सिलिंडर का तो कांग्रेस ने 500 रुपये की सब्सिडी का वादा किया है। BJP ने छात्रों को कॉलेज आने-जाने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से मासिक ट्रेवल अलॉउंस देने का तो कांग्रेस ने पीजी तक फ्री शिक्षा का वादा किया है।

कर्जमाफी भारी या महिलाएं बदलेंगी समीकरण
कांग्रेस ने किसानों से कर्ज माफी का वादा किया है साथ ही ऐलान किया है सरकार बनने पर महिला स्वयं सहायता समूह का भी कर्जा माफ किया जाएगा। इसके अलावा 200 यूनिट तक फ्री बिजली का वादा है। BJP ने हर विवाहित महिला को 12 हजार रुपये सालाना का वादा किया है। चुनाव का नतीजा इस पर निर्भर करेगा कि लोग कर्जमाफी पर दांव लगाते हैं या फिर महिलाओं को सालाना आर्थिक मदद पर। छत्तीसगढ़ में किसान पहले कर्जमाफी का फायदा ले चुके हैं और ऐसे में उन्हें इस पर भरोसा दिलाना कांग्रेस के लिए कठिन नहीं है, यह बात कांग्रेस के पक्ष में भी जाती है।वहीं बीजेपी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को उसके वादों के लिए भी घेर रही है। बस्तर रेंज की 12 सीटों पर अभी कांग्रेस के ही विधायक हैं। भाजपा को यहां से काफी उम्मीद है।

छत्तीसगढ़ के चुनाव में दोनों मुख्य पार्टियां जिस तरह वादे कर रही हैं उससे लग रहा है कि BJP भी अब कहीं न कहीं कांग्रेस की पिच पर खेल रही है। BJP पहले ‘रेवड़ी पॉलिटिक्स’ के नाम पर कांग्रेस को घेरती रही है। लेकिन इस बार BJP ने भी वादों से जनता को लुभाने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दोनों पार्टी के घोषणापत्र से लग रहा है कि इसकी होड़ मची है कि कौन कितना ज्यादा देने का वादा कर सकता है। पहले जहां लग रहा था कि भूपेश बघेल सरकार राम वन गमन पथ और गोठान जैसी स्कीम के जरिए BJP के हिंदुत्व के पिच पर खेलने की कोशिश कर रही है। वहीं, चुनावी वादों में अब बीजेपी कांग्रेस की पिच पर घूमती दिख रही है। वह पिच जिसमें कांग्रेस माहिर है।

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