कमलेश यादव,राजनांदगांव:-छोटे बच्चों के लिए माँ जब लोरियां गाती है, बच्चा गहरी नींद में बड़े आराम से, सो जाता है।पेड़ो की सरसराहट,चिड़ियों का चहकना,चारों ओर पर्यावरण में प्रकृति प्रदत सुरमयी संगीत है।।किसी ने क्या खूब कहा है “संगीत है शक्ति ईश्वर की हर सुर में बसे है राम,रागी जो सुनाए रागिनी रोगी को मिले आराम”।भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ पल सुकून से गुजारने के लिए हम सभी अपना पसंदीदा संगीत का सहारा लेते है।ऐसे ही दवा के साथ संगीत की ध्वनि से मरीजों का इलाज किया जाता है।आपको लिए चलते है, खैरागढ़ से 90 किमी की दूरी पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र साल्हेवारा जहां डॉ.जयकिशन महोबिया के द्वारा मरीजो के ऊपर सफल प्रयोग किया जा रहा है।अब तक हजारो मरीज संगीत थैरेपी से स्वास्थ्य लाभ ले चुके है।
खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ साल्हेवारा,जहाँ जाने से प्रकृति के सान्निध्य की अनुभूति होती है।वही स्वास्थ्य केंद्र
साल्हेवारा में सैकड़ो मरीजो के द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है।डॉ.महोबिया के अनुसार मरीजो का बीपी आदि डीटेल राग भैरव सुनाने से पहले और बाद में लिया गया,नतीजे कमाल के थे।अस्पताल में चार जगहों पर ध्यान का ऑडियो बजता है।चारो पहर के अलग अलग राग होते है।इसके अनुसार ट्यून बदली जाती है।सभी बीमारियों के लिए अलग यूसबी नम्बर है जिसके अनुसार राग बदल जाते है।
कहा जाता है प्रसिद्ध गायक,तानसेन और बैजू बावरा संगीत का ऐसे तान छेड़ते थे पत्थर को भी पिघलना पड़ जाता था।संगीत के विषय मे हमारा इतिहास समृद्ध रहा है।आप घर मे परिवार के साथ टेलीविजन देख रहे होते है ऐसा कई बार हुआ होगा आपके पसंदीदा गाने आते ही आपका मन मधुर स्मृतियों में खो जाता है।जाने-अनजाने में प्रतिदिन आप किसी न किसी रूप में संगीत थैरेपी का उपयोग करते है।यह नवाचार के लिए शोध होना चाहिए।डॉ.जयकिशन महोबिया के द्वारा यह प्रयोग पूरे चिकित्सा जगत के लिए जीवनदायिनी उदाहरण है।सत्यदर्शनलाइव के पूरी टीम के तरफ से नवाचारी डॉ. महोबिया के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं…..
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