कमलेश यादव : किसी भी देश की प्रगति वहां के आम लोगों के विकास पर निर्भर करती है। धान का कटोरा कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ निश्चित रूप से एक कृषि प्रधान राज्य है और यहां की मिट्टी सोना उगलती है।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के ग्राम खरोरा निवासी 61 वर्षीय गिरीश देवांगन ने छत्तीसगढ़ की बेहतरी के लिए अपनी नेतृत्व क्षमता, दूरदर्शिता और मजबूत इरादों का लोहा मनवाया है।अगर हम किसानों की बात करें तो यह शख्स अपनी बुलंद आवाज से किसानों के उत्थान के लिए हमेशा पहली पंक्ति में खड़े रहे हैं।शोषित,वंचित और आम जनमानस की आवाज बनकर उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक खास जगह बनाई है.आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शुरू से ही मेधावी रहे गिरीश देवांगन ने अपनी पढ़ाई शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर और रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय,रायपुर से पूरी की। उन्होंने एल.एल.बी. बैचलर ऑफ लॉ की डिग्री भी हासिल की है. ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े गिरीश देवांगन शुरू से ही जरूरतमंद लोगों की मदद करने में आगे रहे हैं।उनके पिता राम प्रसाद देवांगन की अनुशासित शिक्षा आज भी जीवन के रंगमंच पर काम आ रही है।हर परिस्थिति में निडर होकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना उन्हें अन्य राजनेताओं से अलग बनाता है।
राजनीति में योगदान
वह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर और विभिन्न पदों पर रहकर जनता की सेवा की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। फिलहाल वे राजनांदगांव विधानसभा से विधायक प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. वह लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं. उनका कहना है,”मैं तो पार्टी का सिपाही हूं और पार्टी के सिपाही को जो निर्देश हाईकमान ने दिया है और हमारे नेताओं ने मुझपर जो विश्वास किया है उसके आधार पर चुनाव लड़ रहा हूं।
उनकी सोच हमेशा नई और मूल्यों से प्रेरित रही है। हमेशा सोचते रहते हैं कि आम आदमी की जिंदगी अनुकूल कैसे हो क्योंकि वे एक साधारण परिवार में जन्मे और आम आदमी की जरूरतों को समझते हैं। सफलता के शिखर तक की यात्रा असाधारण नेतृत्व कौशल, दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
गिरीश देवांगन ऐसे व्यक्ति हैं, जो हर चीज को रचनात्मक रूप से पेश करते हैं और आम व्यक्ति को इससे जोड़ते हैं और जन- आंदोलन बना देते हैं, तभी वे हर कार्य में सफल हो पाते हैं। ईश्वर ऐसी विलक्षण प्रतिभा हर किसी को नहीं देता है, जो कि गिरीश देवांगन के पास है। जनता की सेवा को वे अपना धर्म मानते हैं।