पाटन–विकासखंड के खारून नदी किनारे पर बसा तरीघाट, गांव जहां विराजमान है,मां महामाया मंदिर भक्तों के आस्था का प्रमुख केंद्र है,दूर दूर से भक्त माता के दर्शन करने आते हैं वहीं माता अपने भक्तों को निराश नहीं करती,ग्रामीणों का माता पर विशेष आस्था है,ग्रामीणो द्वारा मां महामाया को गांव की आराध्य देवी मानते हैं,एवं हर सुखदुख मे मां महामाया अपने भक्तों का साथ देती हैं,उनके मनोकामना को पूरी करती हैं,माता भक्तो पर हमेशा खुशियां बरसाती है,अपने भक्तों को हर मुश्किल मे बचाती है,मंदिर में त्रिमूर्ति स्थापित स्वयं भू है,महामाया, महालक्ष्मी, महासरस्वती तीनों एक ही स्थान पर विराजमान हैं,मां महामाया मंदिर ऐतिहासिक धरोहर है,मंदिर का निर्माण लगभग 4000हजार साल पुर्व कल्चुरी वंशज के राजाओं द्वारा किया गया था,मंदिर को बनाते समय चुना, गुड़,और काले पत्थरों का उपयोग किया गया है,पत्थर को देखते ही पता चलता है कि इसे बाहर से मंगवाया गया था,मंदिर के गुबंद मे नागदेवता बनाई गई है,क्योंकि मुर्तीकार को वहीं नागदेवता के दर्शन हुए थे,आज भी पुजारी व ग्रामीणों को बीच बीच में नागदेवता दर्शन देते हैं,नवरात्र के दोनों पर्व चैत्र नवरात्रि व कुवांर नवरात्र में भक्तों द्वारा ज्योति कलश की स्थापना किया जाता है,ग्रामीण बताते हैं कि माता को सच्चे दिल से पुकारने पर वह अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं,धमतरी जिले के मढ़ेली गांव के रहने वाले बद्री सेठ को माता के आशीर्वाद से कन्या की प्राप्ति हुई थी जिनका नाम महामाया रखा गया, नागपुर से मराठा वंशज के परिवार माता के दर्शन करने आते हैं, उनके कहे अनुसार मां महामाया उन्हें सपने में दर्शन हुए ,मंदिर परिसर के सामने सिंह विराजमान है,जो कि रात में सिंह की आवाज ग्रामीणो ने सुनी है,मंदिर के पुजारी दीपक बन गोस्वामी बताते हैं कि माता के बहुत से चमत्कार सुनने को मिलता है
कल्चुरी वंश के राजाओं ने मंदिर का निर्माण कराया था
गांव में विराजमान मां महामाया बहुत ही प्राचीन है,जिसका निर्माण कल्चुरी वंशज के राजाओं द्वारा कराया गया था
मंदिर निर्माण में विशेष पत्थरों का किया गया है इस्तेमाल
मंदिर बहुत ही प्राचीन है जिसका बहुत सालो पहले कराया गया था, निर्माण में काले पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है,पत्थर को बाहर से मंगाया गया था और चुना गुड़ मिलाकर इस मंदिर का निर्माण किया गया
ग्रामीण शुभ कार्य करने से पहले मात्रा जरूर स्मरण करते हैं
गांव वाले जब भी छोटी बड़ी कोई भी शुभ कार्य करते हैं तो सबसे पहले अपने आराध्य मां महामाया का आशीर्वाद करने जरूर जाते हैं,ताकि उनके हर काम आसानी से पुरा हो जाए,उसमे किसी भी प्रकार से विघ्न बाधा ना आए
नवरात्रि पर्व मे दर्शन करने भक्तों का लगता है तांता
नवरात्रि पर्व पर मां महामाया के दर्शन करने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो जाती है, माता के दर्शन करने भक्तो का तांता लग जाता है