नन्ही बिटिया सिरजनहार कौर “अकाल” ने दिया स्वस्थ रहने का संदेश

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कमलेश यादव : तुमड़ीबोड गुरुद्वारा बंदी छोड़ पातशाही छह से लगा हुआ बेहद सुन्दर गार्डन में छोटी सी बिटिया सिरजनहार कौर “अकाल” सुबह से ही फूलों की खुशबू, पेड़ों के नीचे बैठकर खेलने का आनंद लेती है।प्रकृति के साथ चलना बिटिया को बहुत पसंद है।वह रोज व्यायाम करती है और लोगों को सन्देश देती है कि स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन कम से कम कुछ घण्टे स्वयं को भी देना चाहिए।बाग बगीचों को सवारना और समय मे पानी देना बिटिया की दिनचर्या में शामिल हैं।इस बिटिया से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमारे पास कुछ भी हो, हम अपने प्रिय स्थलों को और भी आकर्षक बना सकते हैं और व्यायाम जैसी स्वस्थ आदतें अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं।

स्वस्थ शरीर सन्तुलित आहार और व्यायाम का सम्मिश्रण होता है। हम खाने के मामले में तो सतर्क रहते हैं लेकिन शारीरिक श्रम के मामले लापरवाही बरत जाते हैं। लेकिन भोजन की तरह ही व्यायाम भी नियमित करना चाहिये। व्यायाम शरीर को गठीला बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ-साथ स्वस्थ रखने में भी सहायक होता है। विभिन्न चीजों को लिये विभिन्न प्रकार के व्यायाम हैं। कुछ शरीर को स्वस्थ बनाने के लिये होते हैं तथा कुछ निरोगी होने में सहायक होते हैं।

1. बौद्धिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलना :- नियमित रूप से 30-45 मिनट के लिये व्यायाम करने से आपके दिमाग के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह आपके मूड को भी ठीक करता है। व्यायाम से नई तन्त्रिका कोशिकाओं का निर्माण होता है जिससे अल्ज़ीमर्स और पार्किन्सन्स जैसी बीमारियाँ दूर ही रहती हैं। व्यायाम से जीवन के उत्तरार्ध में विकसित होने वाले पागलपन जैसे लक्षणों से भी बचा जा सकता है।

2. हृदय का स्वस्थ होना नियमित रूप से व्यायाम करने वाले लोग आसानी से जानलेवा हृदय रोगों से दूर रह सकते हैं। अगर आप के परिवार में पूर्व में किसी को हृदय रोग रहा हो तो शारीरिक श्रम से आप लम्बे समय तक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

3. वजन का नियन्त्रित रहना स्वस्थ शरीर वाला वजन पाना सभी के लिये एक सपने के समान होता है और नियमित व्यायाम से आप शरीर का वाँछित भार प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप पर्याप्त व्यायाम के साथ संतुलित आहार लें तो आप आसानी से अतिरिक्त भार से निजात पा सकते हैं।

4. मधुमेह का खतरा कम होना व्यायाम से वजन ही नहीं कम होता बल्कि मोटे लोगों में उम्र के साथ होने वाले मधुमेह के खतरों को भी कम किया जा सकता है। नियमित व्यायाम से रक्त में शर्करा की मात्रा नियन्त्रित रहती है और मधुमेह होने का खतरा कम होता है।

5. सहनशक्ति का बढ़ना व्यायाम से पसीना होता है और थकावट आती है लेकिन इससे सहनशक्ति में वृद्धि और माँसपेशियों में थकावट की कमी जैसे दूरगामी परिणाम प्राप्त होते हैं।

6. माँसपेशियों का मजबूत होना व्यायाम से माँसपेशियों में मजबूती आती है जिससे आप वृद्धावस्था में भी आसानी से चल-फिर सकेंगें।

7. मूड का सुधरना अगर आप मानसिक रूप से उच्चीकृत होना चाहते हैं तो अपने प्रिय भोजन पर भरोसा न करके आपको जिम की तरफ बढ़कर व्यायाम करना चाहिये। व्यायाम आपके मस्तिष्क के रसायनों को उत्तेजित कर आपका मूड ठीक करता है।

8. बेहतर नींद का आना काम पर थकावट भरे दिन के बाद शारीरिक श्रम के कारण बिस्तर में जाने पर आप बच्चे की तरह गहरी नींद में सोयेंगें। लेकिन ध्यान रहे कि सोने से पहले व्यायाम न करें।

9. ऊर्जा का संचार होना नियमित व्यायाम से आपकी माँसपेशियाँ मजबूत होती हैं, ऊर्जा का संचार होता है और सहनशक्ति आती है। व्यायाम से हमारे ऊतकों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है और प्रणाली कारगर रूप में कार्य करती है।

10. हड्डियाँ स्वस्थ रहना नियमित व्यायाम से हड्डी बनने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है जिससे ऑस्टियोपोरेसिस और आर्थराइटिस जैसे हड्डियों की बीमारियों से बचा जा सकता है।

11. कैंसर का खतरा कम होना व्यायाम से आँत, स्तन और फेफड़ों के कैंसर के खतरों में कमी होती है। जीवन में व्यायाम को सम्मिलित कर विभिन्न प्रकार के कैंसर से अपने-आप को बचायें।

12. स्मरण शक्ति का बेहतर होना नियमित व्यायाम से मस्तिष्क में रसायनों की मात्रा बढ़ती है जिससे नई कोशिकाओं का निर्माण होता है और मस्तिष्क कोशिकायें आपस में जुड़कर हमें नई चीजों को सीखने-समझने में सहायता प्रदान करती हैं। टेनिस और बास्केट-बॉल जैसे जटिल खेलों को अपने व्यायाम में शामिल करके आप सीखने और ध्यान केन्द्रित करने की क्षमताओं को विकास कर सकते हैं।

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