कमलेश यादव:आपने आस पास कइयों लोगो को विभिन्न रचनात्मक कार्य करते हुए देखे होंगे लेकिन कुछ समय बाद अधिकांश लोग सार्थक परिणाम नही दिखने पर पीछे हट जाते है।वही ऐसे भी लोग है जो अपनी पूरी जिंदगी निःस्वार्थ भाव से बगैर नाम की चाहत निरन्तर कार्य करते रहते है।आज हम उस शख्सियत से रूबरू होंगे जिन्होंने 20 वर्ष पूर्व पीपल का पौधा रोपीत किया था अब वह विशालकाय पेड़ हो गया है।बीते सालों में अपनी बच्ची की तरह ही इस पौधे की देखरेख किया अपितु नाम भी अपनी बेटी “प्रकृति” के नाम से दिया है।बालोद जिले के रहने वाले वीरेंद्र सिंह जिनके किये हुए कार्यो को भारत सरकार के जल मंत्रालय ने भी खूब सराहा है।
वीरेंद्र सिंह सत्यदर्शन लाइव को बताते है कि प्रकृति के प्रति अथाह प्रेम के कारण हमेशा उसके संरक्षण के विषय मे लोगो को सन्देश देते है और सन्देश देने के पहले स्वयं करके भी दिखाते है।मन वचन और कर्म में यदि समानता हो तो सार्थक परिणाम सामने आता है।उन्होंने इसके पीछे चिंता जाहिर की है कि करोड़ो रुपये प्रतिवर्ष वृक्षारोपण में खर्च किया जाता है लेकिन देखरेख के अभाव में वह पौधा ठीक से विकसित नही हो पाता।इसीलिए अब संरक्षण के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है।प्रकृति के लिए उनके किये उल्लेखनीय कार्यो को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में सम्मिलित किया गया है।