दृढ़निश्चयी लड़की ममता यादव की प्रेरणादायी कहानी…सड़क पर व्यवसाय चलाने की शुरुआती चुनौतियों और अनिश्चितताओं के बावजूद,ममता अपनी असाधारण क्षमता के साथ कार्य कर रही है

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कमलेश यादव : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 70 किलोमीटर दूर राजनांदगाँव जिला है।हर दिन की तरह आज भी ममता यादव नाम की दृढ़निश्चयी लड़की एक व्यस्त सड़क के कोने पर दुकान स्थापित करते हुए,अपने उत्पादों को एक छोटी सी मेज पर सावधानीपूर्वक व्यवस्थित करती है।गुरुनानक चौक फ्लाई ओवर के नीचे यह लड़की चश्मा बेल्ट टोपी स्कार्फ पर्स रुमाल का व्यवसाय विगत 2 वर्षों से कर रही है।

आखिर कौन है ममता यादव
कुछ लोग विपरीत परिस्थितियों में टूट जाते हैं,तो कुछ इन्हीं हालातों में एक ऐसा रास्ता तैयार करते हैं,जो उनकी जिंदगी ही बदल देता है।23 वर्षीय ममता यादव की एक छोटी सी दुनिया है जहां वह अपनी माँ के साथ रहती है।पिताजी स्व.गोपाल यादव के गुजर जाने के बाद परिवार की जिम्मेवारी बहुत ही कम उम्र में उठाना पड़ा।सड़क पर व्यवसाय चलाने की शुरुआती चुनौतियों और अनिश्चितताओं के बावजूद,ममता यादव अपनी असाधारण क्षमता के साथ कार्य कर रही है।

ममता यादव की दृढ़ संकल्प और समर्पण जल्द ही सफल हो गया। वहां से गुजरने वाले लोगों की नजर दुकान पर पड़ी और लोग जरूरत के मुताबिक सामान खरीदना शुरू किए।वह प्रतिमाह तकरीबन 10 हजार मासिक आमदनी कर लेती है।अपनी मजबूत कार्य नीति,उद्यमशीलता की भावना और अटूट दृढ़ संकल्प के साथ, ममता ने साबित कर दिया कि एक लड़की सभी बाधाओं के बावजूद सफल हो सकती है।

““मर्दों को लगता है कि लड़कियों के हाथ सिर्फ चूड़ियां पहनने, मेहंदी लगाने, चूल्हा-चौका करने और चौखट के भीतर दो वक्त की रोटियां बेलने के लिए ही हैं। हम अब इस सोच को तोड़ रहे हैं, चुनौती दे रहे हैं।”” ममता यादव

सपना पूरा जरूर होता है
जो लोग खुद का कुछ करना चाहते हैं, उन्हें यही सलाह देना चाहती हूं कि यदि कोई सपना देखा है तो उसके पीछे पड़े रहो। हार मत मानो।कोई काम छोटा बड़ा नही होता।मैं ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हूं। लेकिन, मैंने बचपन से आगे बढ़ने का सपना देखा था।मैं और मेरी माँ खुशी से जीवन जी रहे है।मैं मेहनत करने में कभी पीछे नही हटती।एक बार हम लड़कियों पर भरोसा करके तो देखो, हम सब कुछ कर सकते हैं! हम कर्मयोगिनी हैं।

ममता यादव की प्रेरक सफलता की कहानी ने न केवल अन्य उभरते उद्यमियों को प्रेरित किया बल्कि जो निराश हताश होकर बैठे है उनके मन मे भी आशा की किरण जगाई है।वह कहती है जब भी मन उदास होता है कोई दिलासा देने वाला तो नही है पर स्वयं को स्वयं से चार्ज करती हूं अपने आपको बोलती हूँ कि कुछ भी असंम्भव नही है।भगवान ने हम सबको अपनी अपनी क्षमताओं के साथ पैदा किया है।जब ऊपर वाले ने भेदभाव नही किया तो हम कौन होते है छोटे बड़े की खाई बनाने वाले।

संस्कारधानी के नाम से राजनांदगाँव जिले को जाना जाता है यह बिटिया पूरे जिले के लिए मिसाल है यदि आप भी इनकी मदद करना चाहते है तो एक बार जरूर इस दुकान में आशीर्वाद देने जरूर आए।सत्यदर्शन लाइव सभी से यह अपील करता है।

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