उम्र के दायरे को पार कर एक महिला पर्वतारोही ने 48 वर्ष की आयु में पहाड़ चढ़ना सीखा। 52 साल की उम्र में इस महिला ने माउंट एल्ब्रुस फतह कर ली। ज्योति रात्रे भोपाल की रहने वाली हैं। उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में माउंट एवरेस्ट के बारे में जाना था। उनके टीचर्स ने बताया था कि माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ना बहुत मुश्किल होता है। भारत में ऐसे लोग बहुत कम हैं, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर फतह की हो। इस लिस्ट में महिलाएं पुरुषों की तुलना में और भी ज्यादा कम रहीं।
टीचर की कही गई बातें ज्योति के दिल और दिमाग में रहीं। उन्होंने पहाड़ों के बारे में पढ़ना शुरू किया। पहाड़ पर चढ़ने का सपना देखना शुरू कर दिया। लेकिन हालातों के कारण उनके सपने पूरे नहीं हो पाए। स्कूल के बाद कॉलेज और फिर शादी के बाद उन पर परिवार की जिम्मेदारियां आ गईं। पति- बच्चे और करियर के ज्योति का सपना कहीं खो गया।
52 वर्ष की आयु में माउंट एलब्रुस पर की फतह
उन्होंने अपने परिवार की सभी जिम्मेदारियों को पूरा किया और 48 साल की उम्र में अपने सपने को पूरा करने की ठान ली। मनाली जाकर पहाड़ पर चढ़ाई करने की ट्रेनिंग लीं। उसके बाद ज्योति रात्रे ने अमरनाथ यात्रा जोकि चार दिन में पूरी होती है, वह दो दिन की अवधि में पूरी कर ली।
ज्योति रात्रे ने मनाली में 6000 फीट ऊंचा ट्रैक देवटिप्पा पार किया। प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेने के बाद माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए आवेदन किया लेकिन उनकी उम्र ज्यादा होने के कारण ज्योति का आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया। नियमानुसार माउंट एवरेस्ट चढ़ने के लिए प्रतिभागी की अधिकतम उम्र 42 साल होती है। लेकिन ज्योति ने हार नहीं मानी, उन्होंने ट्रेनिंग जारी रखी और यूरोप के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट एलब्रुस पर चढ़ने के लिए आवेदन दिया।
ज्योति रात्रे ने 52 साल की उम्र में माउंट एलब्रुस की चढ़ाई की। उनकी टीम में चार लोग थे, जिसमें वह इकलौती महिला थीं। बहुत बर्फबारी, ऊंचाई पर होने के बाद भी ज्योति फाइनल पॉइंट पर पहुंची। 5462 फीट ऊंची चोटी पर पहुंचना ज्योति रात्रे के साथ ही भारत के लिए भी उपलब्धि है। अपने इस रिकॉर्ड के बाद ज्योति रात्रे भारत की सबसे अधिक उम्र की पर्वतारोही बन गई हैं। ज्योति ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी कही जाने वाली किलिमंजारो पर फतह हासिल की है।