भारतीय वायु सेना में शामिल महिला पायलटों के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। मिग 21 उड़ाने से लेकर राफेल की कमान संभालने तक वायुसेना की महिला अधिकारियों को बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल रही है। इसी कड़ी में अब दो महिला पायलटों का नाम चर्चा में आया है। इन दोनों महिला पायलटों को भारत चीन सीमा पर उड़ान भरने का मौका मिलेगा। पहली बार दो महिला पायलट भारतीय वायुसेना के जांबाज और अचूक चिनूक हेलीकॉप्टर की उड़ान भरती नजर आएंगी। सेना का ये दोनों महिला अधिकारी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय सैनिकों को मदद पहुंचाने का काम चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए करेंगी। इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने के लिए जिन दो महिला अधिकारियों का नाम सामने आ रहा है, वह स्क्वाड्रन लीडर पारुल भारद्वाज और स्वाति राठौर हैं। दोनों का तबादला चंडीगढ़ और असम के मोहनबाड़ी स्थित CH-47F चिनूक इकाइयों में किया गया है। चलिए जानते हैं वायुसेना की महिला पायलट पारुल भारद्वाज और स्वाति राठौर के बारे में
स्क्वाड्रन लीडर पारुल भारद्वाज
पारूल भारद्वाज के नाम कई बड़ी उपलब्धियां हैं। साल 2019 में भारतीय वायुसेना के एक कार्यक्रम के तहत एमआई-17 वी 5 हेलीकॉप्टर की उड़ान भरने के बाद पारुल भारद्वाज देश की पहले ऑल वुमन क्रू में शामिल हो गईं। पारुल के साथ तीन महिला अधिकारी और शामिल थीं, जिन्होंने हेलिकाॅप्टर की गुजरात में लैंडिंग कराई थी। पारुल भारद्वाज पंजाब के मुकेरियन से हैं और एमआई 17 वी5 उड़ाने वाली पहली महिला पायलट हैं।
स्क्वाड्रन लीडर स्वाति राठौर
वायुसेना की महिला पायलट स्वाति राठौर ने साल 2021 गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया था। वह गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली पहली महिला हेलिकॉप्टर पायलट थीं। स्वाति राजस्थान के अजमेर की रहने वाली हैं। उनके ससुर सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर शिव कुमार सिंह हैं और ससुराल मैनपुरी में है। साल 2015 में स्वाति राठौर वायु सेना में भर्ती हुईं। साल 2012 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एयर कैडेट एक्सचेंज प्रोग्राम सिंगापुर में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वहीं साल 2018 में केरल में आई बाढ़ के राहत कार्य ऑपरेशन करुणा में शामिल हुईं और सैकड़ों लोगों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।