संस्मरण…बस्तर जिसके नाम से लोग डर जाते हैं,हमने सचिव जी की मुस्कान में मुस्कुराते हुए देखा

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कमलेश(भारत): पगडंडियों से गुजरते हुए आखिर हम गांव तक पहुंच ही गए।गर्मी के दिन थे तेज धूप के वजह से चक्कर जैसे आने लगा तभी गांव के तालाब के किनारे बैठकर थोड़ा सुस्ताए ही थे कि, वही से गुजरते हुए एक व्यक्ति से बातचीत हुई।उन्होंने मुझे अपने बैग से पानी निकालकर पीने के लिए दिया।तभी नीचे से ऊपर उन्हें देखते हुए मैंने कहा “भगवान आपका भला करे” ।सरल स्वभाव और हसमुख व्यक्तित्व के धनी मददगार व्यक्ति से बातों ही बातों में ऐसे लगने लगा जैसे वर्षो पुराना रिश्तेदारी हैं ।हमे ग्राम पंचायत भवन जाने की जल्दी थी थोड़े देर बाद जब हम पंचायत भवन पहुंचे वही अंजान मददगार से मुलाकात हो गईं।अरे आप तो वही है जिनसे रास्ते मे मुलाकात हुई थी।तभी वह अपना नाम विश्वनाथ देवांगन बताया जो कि उसी गांव में पंचायत सचिव के पद पर पदस्थ थे।

हमने सचिव जी के साथ पूरे गांव में घूमते हुए यहां की लोक संस्कृति के बारे में नजदीक से जाना और समझा।बस्तर जिसे किताबों में ही पढ़े थे आज जी भरकर देख लिया।यहां की बोली यहां की संस्कृति मन में रस बस गया था।ग्राम प्रमुख सरपंच जी से भी मुलाकात हुई।सभी के अपनेपन और प्यार से हमे कभी भी ऐसा नही लगा की हम घर से सैकड़ो किमी की दूरी में है।आखिर इंसान तो प्यार का ही भूखा होता है।

रात के खाने में चूल्हे से बना आलू बरबट्टी की सब्जी और टमाटर की चटनी मुझे बचपन की दिनों में लेकर चले गया।ठीक वैसे ही हमारी माँ चूल्हे में सब कुछ बनाकर खिलाया करती थी।सालों बाद मैंने रात में टिमटिमाते हुए तारें देखे।शहर  की चकाचौंध में सब कुछ कही खो से गए हैं।सचिव बाबू विश्वनाथ जी ने बस्तर की खूबसूरती के बारे में विस्तार से बताया।बातों ही बातों में ही हमे पता चला कि मुस्कराता बस्तर और कोई नही हमारे सचिव विश्वनाथ जी ही है।जिनके बारे में काफी कुछ सुना था।

हमने देखा,सचिव जी को, गांव और आस पास के लोग जोहार करके अभिवादन करते थे छोटे बड़े बुजुर्ग सभी के चहेते जो है।ग्रामीणों को पेंशन की समस्या हो या किसी भी प्रकार से जानकारी लेनी हो आज भी पूरे गांव के लोगों के लिए मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।दुसरो के लिए कैसे जीया जाता है हमने सचिव जी के जीवन जीने के तरीके से सीखा।

उन्होंने हमें बताया कि पंचायत दरअसल गांव को लोकतांत्रिक तरीके से चलाने और सरकारी नीतियों और योजनाओं को लागू करने वाली सबसे छोटी ईकाई होती है।ग्राम पंचायत सचिव ग्राम पंचायत के तमाम प्रस्ताव, विकास कार्यों के प्रस्ताव, रोजाना की गतिविधियों का लेखाजोखा रखने का काम भी करता है. उसे पंचायत कार्यालय का प्रभारी भी कहा जाता है. वो ग्रामीणों के बीच सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार का भी काम करता है.मूल रूप पर वह सरकार और ग्राम पंचायत के बीच की कड़ी है।

कुछ दिनों बाद हमारी वापिसी था।लेकिन यहां की यादें और प्यार ताउम्र के लिए दिल के कोने में दर्ज हो गया।सादा जीवन और उच्च विचार जैसे आदर्शो पर चलने वाले सचिव विश्वनाथ जी सभी के मदद के लिए आगे रहते है।वापिसी का मन मे थोड़ा टीस जरूर था लेकिन खुशी थी अच्छे लोगों से मुलाकात हुई।वैसे भी इस दुनिया मे अच्छे लोगों की कमी सी हो गई हैं।किसी ने सच ही कहा है ऐसे सच्चे और नेक लोगों की वजह से दुनिया टिकी हुई हैं।बस्तर जिसके नाम सुनकर लोग डर से जाते हैं हमने लोगों की मुस्कुराहटों में उसे मुस्कुराते हुए देखा।

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