कमलेश यादव,राजनांदगाँव:-स्वामी विवेकानंद ने कहा था “एक विचार लो, उस विचार को अपना लक्ष्य बना लो,उसके बारे में सोचो , उसके सपने देखो , उस विचार को जिओ , अपने दिमाग , मांसपेशियों , नसों और शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो तथा बाकी सभी विचारों को किनारे रख दो,यही सफल होने का तरीका है।”ऐसा ही कहानी है आज के शख्सियत का जिन्होंने अपने मेहनत के दम पर अपना एक अलग पहचान बनाया है।नाम है राजकुमार चौरसिया जो अभी कौरीनभाठा राजनांदगाँव में रहते है।2500 रुपये महीने से अपने कैरियर की शुरुआत किए थे।जिंदगी के उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करके अपने लक्ष्य के ऊपर फोकस करते हुए पिछले 9 वर्षों से आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इन्शुरन्स में ब्रांच मैनेजर के पद पर पदस्थ है।
मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजकुमार चौरसिया का बचपन काफी संघर्षो भरा रहा है।पिताजी श्री बाबूलाल चौरसिया कृषक थे।मन मे कुछ करने का जज्बा तो था लेकिन समझ नही आ रहा था कैसे शुरुआत करे।इसी ध्येय को लेकर दिल्ली में हर्बल चिकित्सा मैगजीन में काम शुरू किया।फिर काम करते हुए छत्तीसगढ़ आकर बीमा कम्पनी में ब्रांच मैनेजर के पद पर पदस्थ हुए।वर्तमान में सफलता का एक नया कीर्तिमान स्थापित किये है।आज हजारों नवयुवकों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए है।
चौरसिया जी युवाओं को सन्देश देते है कि कोई काम छोटा-बड़ा नही होता है बस उस काम को पूरी ईमानदारी और लगन से किया जाए।एक ही काम को लगातार करने से वह बहुत आसान हो जाता है।
धैर्य और निरन्तर प्रयास सफलता की कुंजी है।हजारों युवा जो कुछ कदम चलने से मायूस हो जाते है।उन्हें अपने ऊपर विश्वास करके अपने काम के प्रति प्यार और समर्पण लाना होगा तभी सफलता मिलना आसान हो जाएगा।सत्यदर्शन की टीम के तरफ से राजकुमार चौरसिया के उज्ज्वल भविष्य की ढ़ेरो शुभकामनाएं…
(यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें satyadarshanlive@gmail.com लिखे,
या Facebook पर satyadarshanlive.com पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो भी भेज सकते है)