राजनांदगांव। कोरोना (कोविड-19) पर नियंत्रण तथा मरीजों की समुचित देखभाल के लिए जिले में बनाई गई व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब इंटरएक्टिव वाइस रिस्पांस सिस्टम भी बनाया जा रहा है, जिसके माध्यम से होम मरेंटीन, होम आइसोलेशन और कोविड अस्पताल से डिस्चार्ज लोगों के स्वास्थ्य का फॉलो-अप किया जाएगा।
कोविड-19 के ज्यादा मरीजों वाले शहर रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर सहित राजनांदगांव जिले में भी आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वाइस रिस्पांस सिस्टम) के माध्यम से होम मरेंटीन, होम आइसोलेशन और कोविड अस्पताल से डिस्चार्ज लोगों के स्वास्थ्य का फॉलो-अप किया जाएगा। एक्टिव सर्विलांस (निगरानी) की इस अतिरिक्त व्यवस्था का शुभारंभ सोमवार को ही रायपुर में किया गया है। निष्ठा कोविड संचार नाम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा यूएसएड-निष्ठा संस्था के सहयोग से इस आईवीआरएस सिस्टम का संचालन किया जा रहा है।
इस व्यवस्था का यह उद्देश्य है कि होम मरेंटीन व होम आइसोलेशन में रह रहे तथा कोविड अस्पताल से डिस्चार्ज लोगों के स्वास्थ्य को निगरानी की जद में लाया जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी। इस संबंध में राजनांदगांव सीएमएचो डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि इससे हमें ज्यादा कोरोना संक्रमण वाले इलाकों में लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इस इंटरएक्टिव सिस्टम के माध्यम से जाने वाले फोन पर उचित प्रतिक्रिया दें और अपने सेहत की सही जानकारी विभाग को उपलब्ध कराएं।
ऐसे काम करेगा निष्ठा कोविड संचार
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार व देखभाल के संबंध में एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। इस नंबर पर मिली जानकारी के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी संबंधित कोरोना पॉजिटिव मरीज से संपर्क करेंगे, इसके बाद उनकी देखभाल या उपचार की व्यवस्था बनाई जाएगी। आईवीआरएस के द्वारा होम मरेंटीन में रह रहे लोगों की 14 दिनों तक मॉनिटरिंग की जाएगी।
लक्षण मिलने पर मिलेंगी जरूरी सेवाएं
लोगों की 14 दिनों तक मॉनिटरिंग के दौरान संबंधित व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के लक्षण का पता चलने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें आवश्यक सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। कोरोना संक्रमित पाए गए बिना लक्षण वाले व्यक्ति के होम आइसोलेशन के दौरान दस दिनों तक तथा कोविड-19 के इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हुए लोगों के स्वास्थ्य पर एक सप्ताह तक आईवीआरएस से नजर रखी जाएगी। सिस्टम द्वारा किए जा रहे कॉल पर प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर स्टॉफ द्वारा फोन कर संबंधित व्यक्ति से संपर्क किया जाएगा।