कमलेश यादव:समर्पण की भाव से आपका मकसद लोगो की जान बचाने की हो,और इमरजेंसी शब्द लहू में दौड़ता हो तब चिकित्सक(doctor) होने की सार्थकता सही मायने में सिद्ध होती है।कहते है इस दुनिया में तीन भगवान होते है,मां जो जन्म देती है,पिता जो जीना सिखाता है,और तीसरा होता है चिकित्सक जो सबकी जान बचाता है।आज हम बात करेंगे ऐसे ही चिकित्सक के बारे मे जिसका जीवन चरित्र प्रेरणादायी है।डा.जैनेन्द्र कुमार शांडिल्य वर्तमान में बस्तर संभाग में चिकित्सक के रूप में सेवा दे रहे है।अत्यंत निर्धन परिवार से आने वाले डॉ.साहब कभी जंगलों में मेहनत किया करते थे,आज वही हाथ हजारो मरीजों के लिए जीवनदायिनी बन गया है।
प्रतिभा कभी भी सुविधाओं की मोहताज नहीं होती प्रत्येक विश्वविभूति विपरीत परिस्तिथियों से निखरकर सामने आए है।डा.जैनेन्द्र कुमार शांडिल्य का जन्म छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिले के भीतररास सिहावा से है।लेकिन अभी स्थाई रूप से नगरी में रहते है।पिताजी स्व.श्री खेलन सिंह शांडिल्य शिक्षक थे।संयुक्त परिवार में सबकी जिम्मेदारी भी उन्ही के कांधो पर थी।माताजी श्रीमती योगमाया शांडिल्य के प्यार से ही एक अच्छे इंसान बनने की प्रेरणा मिली है।
यूट्यूब विडियो से पूरे भारत में हुए प्रसिद्ध
डॉ.शांडिल्य के अनुसार हमारी हर बीमारी का इलाज कुदरत के पास मौजूद है।छत्तीसगढ़ के विभिन्न पर्यटन स्थल,तरह तरह की लोकसंस्कृति, कल कल बहती नदियों में जीवन संगीत है।ऐसे स्थानों में जीवन जीने के लिए प्राणवायु भरपूर मात्रा में उपस्थित रहता है।इसके साथ ही साथ यू ट्यूब विडियो के माध्यम से बस्तर और छत्तीसगढ़ की पहचान देश विदेश तक पहुंचाने की कोशिश में लगे हुए हैं।अभी यू ट्यूब में उनके 35,000 सब्सक्राइबर हो चुके हैं और उनके विडियो को अब तक 50 लाख लोगों ने देखा हैं।
अभाव में भी प्रभाव
अतीत चाहें कितना भी संघर्ष भरा क्यो न हो उसकी यादे हमेशा रोमांचित करती है।दर्द और संघर्षो का भी अपना एक अलग ही मजा है।घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी।कभी जंगलों में जाकर काम किया करते थे।चूंकि पढ़ाई में भी रुचि था।पूरे परिवार में नाम के आगे डॉक्टर किसी का भी नही लगा था।जैसे तैसे प्रोफेसर और कॉलेज के दोस्तो की आर्थिक मदद से पढ़ाई पूरी हुआ।अक्सर अकेले में सोचा करते था एक चिकित्सक के ऊपर लोग इतना भरोसा कैसे कर लेते होंगे।बाद में समझ आया चिकित्सक कि ज्ञान,तपस्या और मेहनत का नतीजा है कि लोग आंख बंद कर भरोसा कर लेते है।
हमसफ़र का मिला साथ
बेरंग सी जिंदगी को अर्थ देने वाली हमसफ़र श्रीमती रीता शांडिल्य।दोनों की जोड़ी को पूरे छत्तीसगढ़ में सराहा जा रहा है।डॉक्टर साहब ने अपने विडियो में अपनी पत्नी रीता शांडिल्य के साथ रोजमर्रा की जीवन शैली बताते हुए बिल्कुल साधारण भाषा में बस्तर और छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता ,संस्कृति -परंपरा को दिखाते हैं,और एक तरह से नए जमाने के युवाओ को ये मेसेज भी देते हैं कि एक पति-पत्नी को किस तरह से प्यार और भरोसे के साथ रहना चाहिए।बहुत सारे विडियो इन्होंने बस्तर क्षेत्र के बनाए हैं जिनमें दंतेश्वरी मां दंतेवाड़ा,हंदवाड़ा जलप्रपात,कोटमसर गुफा बस्तर दशहरा और गाेंचा पर्व ,आदिवासी बाजार , मुर्गा लड़ाई ,चापड़ा चटनी और उनकी खुद की छत्तीसगढ़ रीति रिवाज से हुई शादी बहुत ज्यादा वायरल हुई हैं ।
पर्यटन को दे रहे है बढ़ावा
डॉ.जैनेन्द्र से बातचीत में उन्होंने बताया कि हमारा छत्तीसगढ़ खूबसूरत वादियों,संस्कृति और परंपरा से भरपूर है।लोग बाहर देश विदेश घूमने जाते हैं लेकिन सभी से कहना चाहूंगा कि अपना छत्तीसगढ़ ही स्वर्ग है खासकर बस्तर और मैनपाट,सबसे पहले अपना छत्तीसगढ़ के अच्छे से दर्शन कर लें उसके बाद ही बाहर घूमने जाएं।वे कहते हैं मैं पूरी तरह से छत्तीसगढ़ घूमने के बाद ही देश और विदेश घुमुंगा ।
नई विडियो सीरीज की शुरुआत
उन्होंने बताया कि यू ट्यूब में जो विडियो बना रहे हैं उसके उनको पैसे भी मिलते हैं।जो अमेरिका से डालर में आकर भारत में रुपया में बदल कर सीधे उनके बैंक खाते में आते हैं।इसके लिए शर्त इतनी होती हैं कि विडियो का कोई भी पार्ट किसी और जगह से चोरी किया हुआ नहीं होना चाहिए,सब कुछ खुद का बनाया होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे एक डाक्टर के रूप में कुछ ही साल में अपने सिहावा क्षेत्र के लोगों की सेवा करने आएंगे । और इसी तरह से साधारण बोलचाल भाषा में ही छत्तीसगढ़ और हमारे हिंदुस्तान की खूबसूरती दिखाते रहेंगे।साथ ही साथ वो आज डाक्टर डे के दिन से एक नई विडियो सीरीज की शुरुआत कर रहे हैं जिसमें भारत के आम लोगों को आम भाषा में स्वस्थ संबंधित बातों पर चर्चाएं कर लोगों की मदद करेंगे ।
जिंदगी के सकारात्मक पक्ष को जीने और देखने वाले डा.जैनेन्द्र कुमार शांडिल्य हमेशा से ही युवाओ को असल जिंदगी में भी उतना ही सोशल रहने की अपील करते है जितना कि सोशल मीडिया में।स्वस्थ रहने के लिए पर्यटन का भी जीवन मे अपना एक अलग महत्व है।परिवार की खुशी से बड़ा कोई दौलत नही है।आजकल के जमाने में इंटरनेट पर अश्लीलताएं भी फैलती जा रही है।लेकिन गांव की इस शांडिल्य दंपति ने लोगों को ये बताया है कि एकदम साधारण,पारंपरिक और सुंदर लहजे से भी इंटरनेट का सही इस्तेमाल कैसे किया जाता है।सत्यदर्शनलाइव चैनल की पूरी टीम इनके प्रयासों की सराहना करता है तथा इसी प्रकार पर्यटन को बढ़ावा देते रहने के साथ साथ उज्जवल भविष्य की कामना करता है।
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