न्यूयॉर्क: कोरोना वायरस से लड़ाई में भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजकर जिस तरह से सुपर पावर अमेरिका की मदद की वह वाकई काबिलेतारीफ थी. इसी कड़ी में अब अमेरिका भारत की मदद के लिए आगे आया है. अमेरिका ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत को स्वास्थ्य सहायता के रूप में लगभग 5.9 मिलियन डॉलर प्रदान किए हैं. यह जानकारी गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दी.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल भारत में कोरोना पीड़ित लोगों की मदद, बीमारी से जुड़े जागरूकता अभियान और इसके रोकथाम के लिए किए जा रहे शोधों में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस सहायता राशि का इस्तेमाल आपातकालीन तैयारी के लिए किया जाएगा.
यह अमेरिका द्वारा भारत को पिछले 20 साल से दिए जा रहे 2.8 बिलियल डॉलर की सहायता राशि का हिस्सा है जिसमें 1.4 बिलियन डॉलर स्वास्थ्य सहायता के रूप में दिया जाता है.
विदेश मंत्रालय और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ने अब आपातकालीन स्वास्थ्य, मानवीय और आर्थिक सहायता के लिए लगभग 508 मिलियन डॉलर खर्च करने की प्रतिबद्धता दिखाई है. दुनिया भर के समुदायों को महामारी से निपटने में अमेरिका पहले से ही बहुपक्षीय और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को सहायता राशि प्रदान करता आया है. यह राशि अब तक की सबसे ज्यादा राशि है.
अमेरिका ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दक्षिण एशियाई देशों में अफगानिस्तान को 18 मिलियन डॉलर, बांग्लादेश को 9.6 मिलियन डॉलर, भूटान को 500,000 डॉलर, नेपाल 1.8 मिलियन डॉलर, पाकिस्तान को 9.4 मिलियन डॉलर और श्रीलंका 1.3 मिलियन डॉलर की सहायता राशि प्रदान कर चुका है.