सराहनीय पहल…स्वच्छता दूत बनकर “भारत विकास परिषद” के युवा निःस्वार्थ सेवा का अनूठा उदाहरण पेश कर रहे है…..

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कमलेश यादव,रायगढ़:-जिंदगी एक यात्रा है,और इसी यात्रा का अंतिम पड़ाव मुक्तिधाम है।जहाँ जिंदगी के वास्तविक सत्य का बोध होता है।माया-मोह के बंधनों में फसा प्राणी की यात्रा यहां आकर समाप्त होती है।बस यही तत्वज्ञान को समझने इंसान की पूरी जिंदगी बीत जाती है।सुनसान और वीरान से पड़े मुक्तिधाम की सफाई और स्वच्छता का जिम्मा उठाया है सारंगढ़ के युवाओं की टीम ने ताकि आने वाले पथिको को शांति और शुकुन का अनुभूति हो सके।भारत विकास परिषद वो नाम जो सेवा का अनोखा उदाहरण बन गए है।

तस्वीरों में जो आपको युवा दिखाई दे रहे हैं वह सारंगढ़ नगर के मुक्तिधाम की सफाई कर रहे हैं। मुक्तिधाम की ये युवा श्रमदान करके साफ-सफाई करते हैं। पौधों को पानी पिलाते है,ताकि वे बड़े होकर यहां शवयात्रा में आने वाले लोगो को छांव दे सके।

युवा सतीश यादव एवं आशीष केसरवानी के अनुसार फरवरी माह में वें यहां एक शव यात्रा में आए थे। उस समय मुक्तिधाम परिसर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे थे। निर्माण सामग्री परिसर के अंदर पड़ी थी। जिससे यहां आने वाले लोगों को परेशानी हो रही थी। श्रद्धांजलि हाल में जगह-जगह जाले लगे हुए थे। गदंगी के कारण यहां आने वाले लोग इस हाल में बैठ भी नहीं पाते थे।

इन सब चीजों को देखकर उन्होनें इसकी सफाई की ठानी और उसके बाद यहां आकर श्रमदान करना शुरू कर दिया। इस कार्य में नगर के भारत विकास परिषद के अध्यक्ष  सतीश यादव एवं कोषाध्यक्ष आशीष केशरवानी  एवं उनके साथी सहित कई अन्य युवा भी जुड़े है। इन युवाओं के अनुसार अभी मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के समय लोगों को जमीन पर बैठना पड़ता है। मुक्तिधाम समिति तथा सभी के सहयोग से बैठने के लिए व्यवस्थाएं जुटाएंगे।

सतीश ने बताया कि मुक्तिधाम परिसर में साफ-सफाई के साथ-साथ पौधारोपण के लिए भी लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने स्वयं  की और अपने जन्मदिन के अवसर पर मुक्तिधाम में बड़, पीपल और नीम की त्रिवेणी रोपित की है। ताकि अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिले।  इसके बाद यहां पौधरोपण करने वालो की संख्या भी बढ़ी है।यहां पिछली बार शव को जलाने वाले जो पोल टूटे हुए थे उसको भी भारत विकास परिषद के अध्यक्ष द्वारा स्वयं एवं उनके साथियों के द्वारा आकर बदला गया था ताकि सारंगढ़ के लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े ।आने वाले समय में ऊपर का जो सेट सड़ गया है उसको भी भारत विकास परिषद के सदस्यों द्वारा बदलने का निर्णय लिया गया है और जल्दी उसकी मरम्मत कराई जाएगी ताकि छत से टपकने वाला पानी शवगृह तक ना आ पाए। साथ में लोगों के काम आने वाली उरई का जड़ का पौधारोपण किया गया क्या की शव यात्रा में आए लोगों को इधर-उधर भटकना ना पड़े।
नगर वासियों के अनुसार इन युवाओं का यह कार्य बेहद सराहनीय है।सफाई अभियान से अब अन्त्येष्टी के समय लोगों को परेशानी नहीं होती है। ये युवा सारंगढ़ शहर में स्वच्छता के क्षेत्र में नई मिसाल पेश करने में लगे है। हम सभी को इन पर गर्व है।

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