रायपुर:-अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी जी ने नौजवान साथियों के साथ रड्यार्ड किप्लिंग की कविता If (अगर) साझा किये है।कविता की पंक्तियां कठिन से कठिन समय में नई ऊर्जा से भर देती हैं।
अगर तुम तब भी अपने दिमाग पर काबू रख सकते हो
जब सभी बेकाबू होकर तुम्हे दोष दे रहें हों।
अगर तुम खुद पर भरोसा रख सकते हों जब सब तुम पर शक करें परन्तु उनकी शिकायतों को भी तवज़्ज़ो दे सकते हो।
अगर तुम प्रतीक्षा कर सकते हो और प्रतीक्षा से थको नहीं,
या झूठ का सामना करने पर झूठे बनो नहीं,
या घृणा का सामना करने पर घृणा करो नहीं,
फिर भी अति समझदार दिखो नहीं और अति बुद्धिमान बनो नहीं:
अगर तुम सपने देख सकते हो बिना सपनों का गुलाम बने,
अगर तुम सोच सकते हो बिना सोच का दास बने,
अगर तुम हार और जीत का सामना कर सकते हो
और दोनों ढोंगियों से एक सा बर्ताव का सकते हो,
अगर तुम अपने द्वारा बोले सच को दुष्टों के तोड़ने-मरोड़ने पर बर्दाश्त कर सकते हो,
या जिन चीजों को तुमने अपनी ज़िन्दगी दी उन्हें बिखरते हुए देख सकते हो
और झुक कर फिर से उन टूटी वस्तुओं से अपना जहान बना सकते हो।
अगर तुम अपने जीवन की कमाई को एक साथ रख कर कंचे खेल सकते हो
और सब कुछ हार कर फिर से शुरुआत कर सकते हो
और अपनी पराजय को गुप्त रखते हुए
अगर तुम तब भी आगे बढ़ सकते हो
अगर जब तुम्हारा दिल, तुम्हारी नसें और अस्थिमांसपेशी भी जवाब दे दे
और तुम डटे रह सकते हो जब तुम्हारे अंदर कुछ शेष न हो
सिवाय उस इच्छाशक्ति के जो कहती है, “डटे रहो!”
अगर तुम भीड़ से बात करके भी अपनी नैतिकता बनाये रख सकते हो
और राजाओं के साथ चल कर भी आम व्यक्ति रह सकते हो।
अगर तुम्हारा दिल न दुश्मन न दोस्त दुखा सके,
अगर सब तुम पर भरोसा रख सकते हो पर कोई ज़रूरत से ज़्यादा नहीं,
अगर तुम हर प्रतिकूल मिनट को साठ-सेकंड-दौड़ की ऊर्जा से भर सकते हो,
तो ये सारा जहाँ और इस जहाँ का सब कुछ तुम्हारा है,
और इस सब से ज़्यादा तुम एक इंसान बनोगे, मेरे बच्चे!