कमलेश यादव,रायपुर:-“ये आकाशवाणी का रायपुर केंद्र है,अब सुनते है समाचार”जी हाँ आपको याद आ गया होगा रेडियो का वह स्वर्णिम दौर जिसे सुनकर गांव की सुबह और शाम होती थी..बदलते संचार के साधनों के साथ इसका स्वरूप विस्तृत हो गया है,अब रेडियो मोबाइल के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने से सुना जा सकता है।आज हम बात करेंगे ऐसे ही शख्सियत के बारे में जिसका उम्र तो 55 है लेकिन दिल अभी बचपन का है।नाम है मोहनलाल देवांगन,रेडियो की दीवानगी ऐसा 100 से अधिक पुराने रेडियो के साथ 10000 पत्रों का अदभुत संग्रहालय है।प्रतिदिन 50 पत्र विभिन्न आकाशवाणी केंद्रों को लिखते है।वे टेलरिंग व्यवसाय से जुड़े हुए है कटोरा तालाब रायपुर में न्यु मोहन टेलर नाम से उनका स्वयं का दुकान है।
मोहनलाल देवांगन जी का पैतृक गांव कुम्हारी थाना आरंग जिला रायपुर है।अतीत की स्मृतियां आज भी मन को तरोताजा कर देती है।वह दिन आज भी याद है जब चाचा जी का गांव में दुकान हुआ करता था पूरे मन से चौपाल में बाँसगीत का आनंद लेते थे।धीरे-धीरे,बिंदिया सुरसिंगार, आप मन के गीत,समाचार,आदि कार्यक्रम जिंदगी का हिस्सा बन गया।बापूजी के साथ जब रायपुर आना हुआ तो घर मे जेट किंग रेडियो खरीदे जिसे दिन-रात काम के साथ सुना करते थे।अभी वर्तमान में शारदा विहार अमलीडीह रायपुर में पूरे परिवार सहित रहते है।
रेडियो श्रोता की विशेषताए यह होती है सकारात्मक विचारों का संग्रह,देश-दुनिया की खबर,जिंदगी के विभिन्न रंगों से सराबोर गीत-संगीत,और अच्छे इंसान बनने की प्रेरणा।वो वाकया 1981 का जो आज भी आंखों के सामने जीवंत है जब पहली बार पत्र, कार्यक्रम “आपके मीत ए गीत”में शामिल किया गया था।उदघोषक श्री लालराम कुमार सिंह ने यह पत्र शामिल किया था।उस दिन का खुशी करोड़ो रुपयों की दौलत से भी बड़ी है।कार्यक्रम”फोन करो छत्तीसगढ़ी गीत सुनावो”में तोर मन कैसे लागे राजा का फरमाइस पहली बार स्वयं का आवाज रेडियो में सुनकर काफी खुशी महसूस हुआ जिसे पेश किए थे श्री समीर शुक्ल जी ने।
फोन इन डॉक्टर की उपाधि
आकाशवाणी केंद्र मुंबई से विविध भारती कार्यक्रम के श्री अमरकांत दुबे जी ने फोन इन डॉक्टर की उपाधि दिए हुए है।हलो फरमाइस मुम्बई के कार्यक्रम में मुंबई जाना हुआ था सब ऐसे मिले थे जैसे वर्षो से जानते हो।यही प्यार मेरी जिंदगी भर की पूंजी है।रेडियो परिवार ऐसा परिवार जहा बहुत प्यार और सम्मान मिला है।
आकाशवाणी रायपुर में पहला कार्यक्रम”हलो मितान”में सर्वप्रथम मोर संग चलउ गॉ,छत्तीसगढ़ी गीत को उदघोषक श्री संजय पांडे ने शामिल किया था।आकाशवाणी उदघोषक श्याम वर्मा ने भी कई बार मिलने के लिए आये है।
पूरे भारत मे ओल्ड लिस्नर्स डे(दिवस) की शुरुआत छत्तीसगढ़ से
दैनिक जीवन मे हम अपनी खुशियों को सहेजने और याद करने के लिए तमाम प्रकार के “डे”(दिवस)मनाते है।
मुंबई से आल इंडिया ओल्ड लिस्नर्स ग्रुप महेंद्र मोदी जी के माध्यम से बनाया गया जिसका छत्तीसगढ़ प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल देवांगन को बनाया गया।जिसके बाद 20 अगस्त को रेडियो श्रोता दिवस के रूप में पहला कार्यक्रम चेम्बर ऑफ कॉमर्स रायपुर में रखा गया था।जहाँ देश-विदेश के रेडियो श्रोता उपस्थित हुए थे।
मोहनलाल देवांगन जी आकाशवाणी केंद्र,मुंबई,रायपुर,
दिल्ली,बीबीसी,उर्दू सर्विस,नेपाल,पाकिस्तान, श्रीलंका, जैसे विभन्न केंद्रों से जुड़े हुए है।छत्तीसगढ़ के लिए यह गर्व की बात है।बस देर किस बात की है आज से आप भी अपनी ज्ञान को रेडियो के साथ बढ़ाइए।सत्यदर्शन वेब चैनल ने भी अपनी वेबसाइट में रेडियो के लिए खास जगह दी है जिसे आप सुन सकते है।कितना अद्भुत है हमारा छत्तीसगढ़…छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया…..
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