स्पेस स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस की अगले वर्ष तक उपग्रह लॉन्च करने की है तैयारी, जानें क्या है खासियत

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पीटीआई, नई दिल्ली। दुनिया का पहला 3डी प्रिंटेड रॉकेट लांच कर कीर्तिमान रचने वाला भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस अगले साल की शुरुआत में उपग्रहों का प्रक्षेपण शुरू करने की तैयारी कर रहा है। अग्निबाण सब-आर्बिटल टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर (एसओआरटीईडी) की पहली परीक्षण उड़ान 66 सेकंड तक चली थी।

3डी प्रिंटेड रॉकेट जिसमें कंप्यूटर की मदद से डिजाइन कर परत दर परत उत्पाद बनाए जाते हैं। आईआईटी मद्रास से जुड़े स्टार्टअप अग्निकुल के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्रीनाथ रविचंद्रन ने कहा, एसओआरटीईडी एकल चरण वाला रॉकेट था। आर्बिटल रॉकेट में दो चरण होंगे। हम इसे लेकर कार्य कर रहे हैं। हम आर्बिटल मिशन के लिए इस वित्तीय वर्ष के अंत तक या अगले वित्तीय वर्ष के आरंभ तक का लक्ष्य लेकर चल रहे है।

दुनिया का पहला 3डी प्रिंटेड रॉकेट लांच कर कीर्तिमान रचने वाला भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस अगले साल की शुरुआत में उपग्रहों का प्रक्षेपण शुरू करने की तैयारी कर रहा है। 3डी प्रिंटेड रॉकेट जिसमें कंप्यूटर की मदद से डिजाइन कर परत दर परत उत्पाद बनाए जाते हैं।रविचंद्रन ने कहा, छोटे उपग्रहों की मांग अधिक है। हर साल 30-35 टन पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाता है। अग्निबाण रॉकेट 300 किलोग्राम तक का पेलोड लगभग 700 किलोमीटर की कक्षा में ले जा सकता है।

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