कमलेश यादव : साइकिल पर घूमने वाले 74 साल के बुजुर्ग मोहन सोरी, जिन्हें लोग प्यार से काका कहते हैं। वह बचपन से ही कान साफ करने का अपना पुश्तैनी काम करते आ रहे हैं। उनका मानना है कि हमारे शरीर की 5 इंद्रियों में से एक कान है, जो सुनने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करता है। आमतौर पर प्रत्येक व्यक्ति को इसकी सफाई की जिम्मेदारी पर ध्यान देना चाहिए। छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी राजनांदगांव में रहने वाले मोहन सोरी ने ज्यादा पढ़ाई तो नहीं की है लेकिन ये काम उन्होंने अपने पिता से सीखा है. अब तक हजारों लोग अपने कान साफ करवा चुके हैं। इसी काम से उनकी आजीविका भी चल रही है.
सत्यदर्शन लाइव को उन्होंने बताया कि वह सुबह 11 बजे से अपना काम शुरू कर देते हैं. ईश्वर को धन्यवाद देते हुए उसे सदैव यह विश्वास रहता है कि भगवान ही है जो उसकी मेहनत का फल देता है। मुझे बस अपना काम करना है और लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरना है। मैं अपने काम से बहुत खुश हूं. जीवन के बाकी उतार-चढ़ाव नदी के दो किनारों की तरह हैं।
गौरतलब है कि, साफ-सफाई एक अच्छी आदत के साथ-साथ स्वस्थ जीवन की जरूरत भी है. कान शरीर का एक ऐसा हिस्सा है, जिसकी सफाई हम रोज नहीं करते हैं. शरीर में कान एक बेहद संवेदनशील अंग भी होते हैं. समय से इनकी सफाई न होने या कम होने पर इनमें मैल जम जाता है. जिसे ‘ईयर वैक्स’ भी कहा जाता है. कभी-कभी यह मैल काफी बढ़ जाता है और कठोर हो जाता है आसानी से नहीं निकलता है. इससे लोगों को आवाज कम आना या कान में इंफेक्शन जैसी दिक्कत होने लगती है.
उन्होंने बताया कि पिता स्व. फूलसिंह एवं दादा स्व. श्याम लाल सोरी यह सेवा कार्य करते थे। यह उनका आशीर्वाद और शिक्षा ही है कि आज वह बहुत खुशी से लोगों की सेवा कर रहे हैं। मुश्किल परिस्थितियों में भी वे प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ते गए। वह स्वयं यह मानते है कि – ‘सभी को सच्चाई और विश्वास के अनुसार ही जीवन में कर्म करना चाहिए’।
जब सत्यदर्शन लाइव ने हेल्थ एक्सपर्ट से जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि, कान में सफाई न होने से मैल जम जाता है तो उसे ही ईयर वैक्स के नाम से जाना जाता है. यह जैल जैसे ल्यूब्रिकेंट से बना होता है जो असल में मृत कोशिकाएं होती हैं. वैसे तो ईयर वैक्स कानों की सुरक्षा के लिए होता है, लेकिन इसके जरूरत से ज्यादा बढ़ने पर यह कानों में संक्रमण की वजह भी बन सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप समय-समय पर कानों की सफाई करते रहें
हमारे आसपास ऐसे कई लोग हैं जो कई सालों से गुमनाम होकर काम कर रहे हैं। वे चाय बेचने वाले, कपड़े साफ़ करने वाले, कोई भी हो सकते हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। वे किसी भी तरह की प्रसिद्धि नहीं चाहते. वो बस अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं। सत्यदर्शन लाइव ऐसे गुमनाम और मेहनती नायकों की प्रशंसा करता है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
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