शख्सियत…किसान के लिए खेत तीर्थ,परिश्रम देवता और फसलें वरदान के समान होता हैं…पढ़िए ईमानदारी और अपने कर्तव्य सदैव राष्ट्रहित के लिए समर्पित भोलाराम साहू की प्रेरणादायी कहानी

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कमलेश यादव : साधारण जीवनशैली के बीच गांव के किसान का एक ही सपना होता है- अपनी मिट्टी से निस्वार्थ भाव से प्यार करना। उनके लिए खेत तीर्थ ,परिश्रम देवता और फसलें वरदान के समान होता हैं।  आज हम जिस किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं,उन्होंने अपना जीवन लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।उनका सफर गांव के पंच के रूप में शुरू हुआ, उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा,वे सरपंच रहे और फिर क्षेत्र की जनता ने उन्हें दो बार विधायक बनाया और अपनी बात रखने के लिए विधानसभा में भेजा। ईमानदारी और अपने कर्तव्य सदैव राष्ट्रहित के लिए समर्पित भोलाराम साहू संस्कारधानी राजनांदगांव जिले के खुज्जी के रहने वाले हैं।

सत्यदर्शन लाइव से बातचीत करते हुए बचपन की यादों की तार छेड़ने की देर थी कि भोलाराम साहू की आंखों के सामने हर वो तस्वीर जीवंत हो गई जिसे उन्होंने आज तक अपने मन के किसी कोने में संजोकर रखा था।पिता स्वर्गीय बरतिया साहू के साथ खेत की ओर जाना चुकिया में थोड़ी सी चटनी और बासी रख लेना।माँ की दुलार वाली अनुशासन युक्त सीख से  जिंदगी में नवाचार और लोगों की मदद करने वाला इंसान बनाया।

वे कहते है कि देश सेवा के लिए कोई भी पद छोटा या बड़ा नहीं होता है।पंच की महत्ता भी अपने क्षेत्र में उतना ही होता है जितना एक विधायक का। हमारे देश में  लोकतंत्र की जड़ें काफी गहरी हैं।यहां के लोगों ने मुझे हमेशा आशीर्वाद दिया है।अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने शिक्षा,स्वास्थ्य,सड़क, पेयजल जैसे कई मुद्दों को जनता की आवाज के तौर पर उठाया और उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध भी रहे.

प्रेरणा
हर किसी के जीवन में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनसे हमें यह जानने और समझने को मिलता है कि हमें आगे का रास्ता कैसे तय करना है।प्रेरणा के ऐसे स्रोत हमारे पूज्य माता-पिता और शिक्षकों द्वारा दी गई सीख हैं।हरेक परिस्थितियों में यदि आप किसी के दर्द को महसूस कर सकते हैं तो यकीन मानिए आप इंसानियत की राह पर हैं।दुसरो के बारे में भला सोचने से ईश्वर भी मार्ग प्रशस्त करता हैं।

युवाओं को संदेश
सफलता की सीढ़ी विश्वास की नींव पर टिकी होती है।  इसलिए दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने से निश्चित रूप से सुखद परिणाम मिलते हैं।  किसी भी क्षेत्र में बार-बार असफलता मिलने से ज्यादातर युवा निराश हो जाते हैं और इसे अपनी नियति मान लेते हैं।  जबकि इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो कोई भी ऐसा महापुरुष नहीं है जिसने असफलता का स्वाद न चखा हो।वे सभी निरंतर प्रयास करते रहें और आज सभी का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया।

एक किसान से जननेता तक का सफर तय करने वाले भोलाराम साहू जी निश्चित रूप से सभी लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।सादा और उच्च विचार का जीवन जीने वाले साहू जी कहते हैं कि भगवान ने मुझे किसी न किसी उद्देश्य के लिए यहां भेजा है, तो क्यों नहीं?  मैं जरूरतमंद लोगों की सेवा करता रहूं.  सत्यदर्शन लाइव ऐसे व्यक्तित्व की प्रशंसा करता है।

(यदि आपके पास ऐसी कोई शख्सियत की कहानी है जिसने समाज मे बड़ा बदलाव लाया हैं तो हमें लिख भेजिये satyadarshanlive@gmail.com पर या  व्हाट्सएप 7587482923 करें )

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