आइए जानते हैं देश की महिला बाउंसर के बारे में, जिनके लिए यह राह चुनना और इसपर चलना आसान नहीं था,लेकिन उन्होंने मार्ग में आने वाली हर बाधा को पार कर लिया

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नवरात्रि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना का पर्व है। यह पर्व नारी शक्ति के सम्मान का, उनके योगदान का प्रतीक है। माना जाता है कि हर नारी में नवदुर्गा के किसी न किसी स्वरूप का अंश होता है। कुछ महिलाएं इसे समझ लेती हैं और उनका वह स्वरूप किए गए उत्कृष्ट कार्यों के जरिए नजर आने लगता है। ऐसी ही एक महिला हैं जो शक्ति का प्रतीक हैं। इस महिला के नाम एक बड़ी उपलब्धि है। जिन महिलाओं के लिए कहा जाता है कि वह खुद की रक्षा नहीं कर सकतीं, वहीं एक महिला ऐसी है जो अपने ही नहीं बल्कि दूसरों की सुरक्षा का जिम्मा उठा रही हैं। यहां देश की पहली महिला बाउंसर की बात की जा रही है।

हट्टे कट्टे नौजवानों को देखकर अक्सर मुंह से निकल जाता है कि यह तो बाउंसर जैसे दिखते हैं। लेकिन क्या कभी महिला को देखकर ऐसा महसूस हुआ? मेहरुन्निसा शौकत अली देश की पहली महिला बाउंसर हैं। मेहरुन्निसा शौकत अली दिल्ली के हौज खास गांव में एक प्रसिद्ध कैफे में बतौर बाउंसर काम करती हैं। साथ ही शहर में आने वाले बाॅलीवुड सेलेब्स और मशहूर हस्तियों को सिक्योरिटी भी देती हैं। वह एक फाइटर हैं जो केवल शारीरिक तौर पर लड़ने में सक्षम हैं, बल्कि समाज की रूढ़िवादी मानसिकता के खिलाफ भी लड़ती चली आ रही हैं।

मेहरुन्निसा शौकत अली उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की रहने वाली हैं। वह एक ऐसे मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती हैं जहां बेटियों का घर से निकलना, पढ़ना लिखना गुनाह माना जाता था। लेकिन मेहरुन्निसा से छुपकर पढ़ाई की, हालांकि पिता को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने मेहरुन्निसा की किताबें तक जला दी थीं। लेकिन मेहरुन्निसा ने मां के समर्थन से पढ़ाई जारी रखी।

मेहरुन्निसा पुलिस में भर्ती होना चाहती थीं, लेकिन मौका न मिल सका, हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और एनसीसी कैडेट ज्वाइन करके कराटे सीखा। जब पिता उनकी शादी के लिए लड़का देख रहे थे तो वह अपने सपने पूरे करने दिल्ली आ गईं। यहां उन्होंने महिला बाउंसर की ओपनिंग के बारे में सुना और अप्लाई कर दिया। परिवार ने विरोध किया पर मेहरुन्निसा ने पिता को भरोसा दिलाया कि वह कोई गलत या नाम खराब करने वाला काम नहीं कर रही हैं।

बतौर बाउंसर भी उनका जीवन आसान नहीं रहा। वर्कप्लेस पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। महिला बाउंसर जैसा उस वक्त कुछ था नहीं, तो उन्हें सिक्योरिटी गार्ड कहा जाता था। वहीं पुरुषों की तुलना में महिला बाउंसर को सम्मान भी नहीं मिलता था और न ही काम।

बाद में 2004 में जब इंडियन आइडियल की टीम की सुरक्षा का जिम्मा मेहरुन्निसा ने संभाला तो उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आने शुरू हुए। आज मेहरुन्निसा की प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी है। उन्होंने अमिताभ बच्चन से लेकर रणबीर, प्रियंका, रानी मुखर्जी और दीपिका जैसे दिग्गज स्टार्स को सिक्योरिटी दी है।

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