मिट्टी के बर्तन में खाना रखने, बनाने और खाने के फायदे शायद ही जानते होंगे आप। मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता आ रहा है। तो चलिए जानें कि मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने के क्या लाभ हैं।मिट्टी के बर्तन में बने खाने से खाने के साथ इसमें आयरन, सल्फर, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी मिलते हैं। इससे शरीर को पोषक तत्वों की कमी नहीं होती।मिट्टी के बरतनों में खाना बहुत ही धीमी आंच पर पकता है, इसलिए खाने के पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। भोजन में मौजूद प्राकृतिक तेल नष्ट नहीं होते हैं।
मिट्टी का बर्तन एकमात्र ऐसा पात्र है जिसमें खाना खाने से 1 प्रतिशत भी नुकसान नहीं होता। सिर्फ फायदे ही फायदे मिलते हैं। मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे न्यूट्रिशन मिलते हैं, जो कई बीमारियों को दूर रखते हैं। मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से शरीर के कई तरह के रोग ठीक होते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, अगर खाने को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसे धीरे-धीरे ही पकना चाहिए। भले ही मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने में समय ज्यादा लगता है, लेकिन इससे सेहत को पूरा लाभ मिलता है। दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स के लिए मिट्टी के बर्तन बेस्ट हैं। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पूरे 100 प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं। मिट्टी के बर्तन में खाना खाने से अलग स्वाद भी आता है।
मिट्टी के बर्तन में बने खाने में तेल का प्रयोग कम होता है, इसलिए ये कोलेस्ट्रॉल से लेकर हार्ट तक के लिए फायदेमंद होता है। कम तेल में ही स्वादिष्ट भोजन बन सकता है। साथ ही मिट्टी के बर्तन में बने भोजन में प्राकृतिक तेल और नमी की मात्रा बरकरार रहती है।
डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद
डायबिटीज पेशेंट्स को भी मिट्टी के बर्तन में खाना खाना और बनाना चाहिए। मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने की प्रक्रिया धीमी होती है और इससे पोषकत भी बरकारा रहती है और इसमें पका खाना तुरंत ग्लूकोज में कंवर्ट नहीं होता है। इससे इन्सुलिन का उत्पादन संतुलित रहता है।
इम्युनिटी होती है बेहतर
मिट्टी में मौजूद पोषक त्तव और खाने के पोषक तत्व मिलकर शरीर को अंदर से मजबूत बनाने हैं, इससे इम्युनिटी भी बेहतर होती है।मिट्टी के बर्तन में बना भोजन एसिडिटी की समस्या में भी फायदेमंद होता है। दरअसल मिट्टी के बर्तनों में प्राकृतिक तौर पर अल्कलाइन मौजूद होते हैं जो इसके पीएच स्तर को संतुलित रखने का काम करते हैं। इसलिए इसमें बने भोजन का सेवन करने से एसिडिटी की समस्या का खतरा कम होता है। संतुलित पीएच स्तर एसिडिटी की समस्या में फायदेमंद माना जाता है।