कमलेश:अक्सर भीड़ वाली जगहों में बच्चों के खोने का खतरा हमेशा बने रहता है।आज हम आपको लेकर जाएंगे हरिद्वार के गंगा आरती में जहां भीड़ में एक बच्चा रोते बिलखते हुए दिखा।तभी एक युवक की दृष्टि उस बच्चे पर पड़ी और उन्होंने एक तरकीब निकाली बच्चे को कांधे पर बैठाकर इधर उधर जाने लगा ताकि उसके परिजन आसानी से उस बच्चे को देख सकें।अंततः परिवार वाले बच्चे को देख ही लिए।परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था।सभी ने उस युवक को दिल से धन्यवाद दिया।मदद करने वाला वह युवक छत्तीसगढ़ पुलिस बल में पदस्थ दिनेश यादव है।
दिनेश यादव ने बताया कि, छोटा सा बच्चा मुझे रोते बिलखते हरिद्वार में गंगा आरती के बाद मिला , काफी भीड़ पैर रखने तक का जगह नही था , ऐसे में इसके परिजनों को खोजना काफी दिक्कत भरा कार्य था , सोचा पुलिस को सौंप देता हूँ , लेकिन बच्चे की हालत देख के अपने फैमिली को एक जगह छोड़कर मैं खुद ही उसके परिजनों को खोजने निकल पड़ा , इतनी भीड़ में उसके परिजनों को कैसे खोजा जाए उसके लिए एक तरकीब सूझी मैं बच्चे को अपने कंधे में लेकर चलने लगा , और इसका फायदा ये हुआ ‘ कि कुछ देर में ही उसके परिजन भी अलग अलग दिशा में उसे खोजने निकले थे जिसमें से उसके दादाजी ने बच्चे को दूर पहचान लिया । जब उसके परिजनों से मैं मिला तो सबका रो रो के बुरा हाल था । बच्चे को पाकर सबके चेहरे में खुशी लौट आई । सबने मुझे धन्यवाद दिया ।
आपने पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में तो जरूर देखा होगा कि लोग कुंभ के मेले में या किसी भीड़-भाड़ वाले इलाके में खो जाते हैं, अपने परिवार से अलग हो जाते हैं. इस बात का सबसे ज्यादा डर बच्चों के लिए होता है. भीड़ वाले इलाकों में बच्चों को ले जाने का एक खतरा ये भी होता है कि गलती से भी उनके ऊपर से ध्यान हटा और वो कहीं इधर-उधर हो गए तो फिर माता-पिता की जान ही निकल जाती है।इसीलिए बच्चो को लेकर सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है।सत्यदर्शन लाइव दिनेश यादव की मदद को दिल से सलाम करता है।