सुई धागा में स्वावलंबन की राह…सिलाई के अपने सपने को पूरा करके, स्वावलंबी महिला दुरपति साहू ने न केवल अपनी परिस्थितियों को बेहतर बनाया बल्कि कई महिलाओं के जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला

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कमलेश यादव : कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से बुना गया हर धागा सफलता का एक नया अध्याय रचता है। आज हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले से 12 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटे से गांव जोरातराई में रहने वाली श्रीमती दुरपति साहू की, जिन्होंने आत्मनिर्भरता की राह अपनाकर न सिर्फ अपनी बल्कि कई अन्य महिलाओं की तकदीर बदल दी है । तिलई गांव में उनका सिमरन लेडीज टेलर्स नाम से सिलाई सेंटर है, जहां महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण देने के साथ ही उन्हें सीधे रोजगार से भी जोड़ा जा रहा है।

सत्यदर्शन लाइव को स्वावलंबी महिला दुरपति साहू ने बताया कि उन्होंने सिलाई का प्रशिक्षण लेने के बाद 8 साल पहले सिमरन लेडीज टेलर्स सिलाई सेंटर की नींव रखी थी। शुरुआत में, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि सीमित संसाधन और परिवार की जिम्मेदारियाँ। लेकिन उनके अडिग विश्वास और मेहनत ने उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोका। धीरे-धीरे, उन्होंने सिलाई में महारत हासिल की और अपने कौशल को बढ़ाया।

आज उन्हें न केवल आस-पास के गांवों से बल्कि शहर से भी ऑर्डर मिल रहे हैं, क्योंकि उन्होंने सिलाई की कला में महारत हासिल कर ली है। ग्राहक भी उनकी सिलाई को खूब पसंद कर रहे हैं। उन्होंने गांव की महिलाओं को सिलाई सिखाना शुरू किया, ताकि वे भी आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें। उनके प्रयासों से कई महिलाएं प्रेरित हुईं और उन्होंने भी सिलाई का काम शुरू कर दिया। वर्तमान में 05 महिलाएं सिलाई सीख रही हैं तथा 07 प्रशिक्षित महिलाएं आर्थिक लाभ लेकर अपने परिवार की मदद कर रही हैं।

प्रेरणा स्रोत
मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखने वाली दुरपति साहू ने अपनी बड़ी बहन श्रीमती रेखा साहू को देखकर यह काम सीखा। वह सिलाई-कढ़ाई में निपुण थी। उसके पिता श्री पूरन लाल साहू ने हमेशा उसका हौसला बढ़ाया। साथ ही पति श्री कृष्ण कुमार साहू हर परिस्थिति में प्रेरणा बनकर उसके साथ खड़े रहे। वह कहती है कि उसका परिवार ही उसकी ताकत है।

सिमरन लेडीज़ टेलर्स सेंटर ने श्रीमती दुरपति साहू को एक नई पहचान दी और उन्हें एक सफल उद्यमी बनाया। उनके प्रयास ने साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। वह कहती है कि, अगर महिलाओं को सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले तो वे भी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

श्रीमती दुरपति साहू की जीवन संघर्ष हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देखती है।उनकी यात्रा यह सिखाती है कि संकल्प और परिश्रम से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है और सफलता हासिल की जा सकती है। स्वावलंबी दुरपति साहू जैसी महिलाओं का जीवन इस बात का प्रमाण है कि आत्मविश्वास और मेहनत से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है और जीवन में उन्नति की जा सकती है। सत्यदर्शन लाइव उनकी उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हैं।

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