कमलेश यादव,रायपुर:आम तौर पर लोग सफलता को सीधी रेखा समझते है लेकिन जितने भी सफल व्यक्ति हुए है सभी के जीवन में आदर्श परिस्थितियां कभी नही रहा हैं।कहते है सोना आग में तपकर ही कुंदन बनता है।आज हम बात करेंगे एक ऐसी लड़की के बारे में जिन्होंने अपने जीवन की कठिनाइयों को ही सीढ़ी बनाकर आगे बढ़ी और सफलता प्राप्त की हैं।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की रहने वाली भावना साहू ने एक स्टार्टअप शुरू किया है। आज यह स्टार्टअप से प्रतिमाह इंकम 40 हजार तक पहुंच चुका है।आइए जानते है भावना साहू से जुड़ी कुछ खास बातें
भावना साहू ने सत्यदर्शन लाइव को बताया “8 सितम्बर 2021 का वह दिन कैसे भूल सकती हूं जिसने मुझे झकझोर कर रख दिया था।रात में 8 बजकर 50 मिनट हुए होंगे हमारे द्वारा शुरुआत की गई स्टार्टअप ऑफिस के ठीक ऊपर एक हाईटेंशन बिजली की तार गुजरती है अचानक मेरे हाथ इन तारो के सम्पर्क में आकर झुलस गए।मैं पूरी तरफ स्तब्ध थी आंखों के सामने अंधेरा था।नीचे गिरी और बेसुध पड़ी थी।आनन फानन में मुझे अस्पताल में भर्ती किया गया।पूरे 30 दिन तक बेड पर पड़ी रही।खुद को हिम्मत दिलाती थी कि सब कुछ अच्छा होगा।एक बेचैनी रहती थी ठीक हो पाऊंगी की नही।दोनो हाथों का नस डैमेज हो गया।दोनो हाथों और पैरों के कुछ उंगलियां डॉक्टरों को काटना पड़ा क्योकि इंफेक्शन क खतरा बढ़ गया था।अस्पताल की बेड से मैंने खुद से वादा किया कि जिंदगी में कभी हार नहीं मानूँगी।आज शुरू की गई स्टार्टअप बहुत ही अच्छे तरीके से चल रही है।
युवा उद्यमी भावना साहू ने अपनी स्टार्टअप की शुरुआत रनिक्सा फैमिली सैलून एकेडमी एन्ड सपा सेंटर की प्रोपराइटर के रूप में की है।साथ ही वह नेशनल स्किल ट्रेनर भी है।वह मूलतः धमतरी जिले के मगरलोड ब्लाक के छोटे से गांव मोतिमपुर की रहने वाली है।प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर में हुई है।बीएससी बॉयोटेक पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी रायपुर में पूर्ण हुआ।पिताजी अक्सर कहा करते थे जीवन मे आये है तो इसका मकसद होनी चाहिए कुछ ऐसा काम करे जो सबके लिए एक उदाहरण हो ।भावना साहू बताती है कि पिताजी की कही बातें हमेशा मन मस्तिष्क में गूंजते रहती है।
वे कहती हैं,”हमारे सबसे बड़े कंपटीटर हम खुद हैं, और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम प्रत्येक वर्ष बेहतर और आगे बढ़ें।”पिताजी लक्ष्मण साहू और माताजी खामेश्वरी देवी के दिये संस्कारो ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है।YACANARAYS (OPC) PRIVATE LIMITED के डायरेक्टर राजा बघेल काम की बारीकियों को सिखाते हुए हमेशा सहयोग के लिए तत्तपर रहते है ।किसी भी दिशा में अगर आप शत-प्रतिशत प्रतिबद्ध हैं और आप जो चाहते हैं, अगर आप अपने व्यक्तिगत विश्वास में निवेश करते हैं, तो आप उन सभी बाधाओं को दूर करते हैं,जो आपके सामने आती हैं।
“रायपुर शहर से स्टार्टअप शुरू करना, जो प्रतिस्पर्धी भी है और जहां लगभग ऐसा कुछ भी नहीं है जो सस्ते में हासिल हो जाए, ये अपने आप में एक चुनौती थी। इसके अलावा, जिस रास्ते पर मैं थी उसके बारे में जानना भी मेरे लिए काफी मुश्किल था। मैं इन सभी रुकावटों को पार करने के मूमेंट्स को सफलता नहीं कहूंगी लेकिन उन्हें मैं ऐसे मूमेंट्स जरूर कहूंगी जो मुझे याद दिलाते हैं कि मैं कुछ अलग कर रही हूं।” भावना साहू
एक स्टार्टअप सिर्फ पैसे कमाने के लिए ही नहीं होते हैं, बल्कि यह हमारे जीने के ढंग, काम के तरीके, और व्यवस्था में बदलाव की शुरूआत करने के लिए भी है।सबसे महत्वपूर्ण यह है कि नवाचार उन लोगों के लिए भी सहायक होना चाहिए जो नए अवसरों के लिए उत्सुक रहते हैं।आज अपने विकास के इन बढ़ते आंकड़ों को देखकर भावना साहू संतुष्ट हैं। उनकी सफलता वाकई में प्रेरणा से भरी है। उन्होंने कठिनाइयों को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और अपने आइडिया पर काम करती रही। इसका ही यह नतीजा है कि आज वह छत्तीसगढ़ की उभरती हुई एक सफल उद्यमी बन चुकी हैं।
(यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हों तो हमें satyadarshanlive@gmail.com लिखें,
या Facebook पर satyadarshanlive.com पर संपर्क करें | आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर और वीडियो 7587482923व्हाट्सएप में भेज सकते हैं)