डिजिटल एड्रेस कोड’ DAC…भारतीय डाक देश के हर पते का डिजिटल एड्रेस बनाएगा जो यूनीक नंबर के रूप में रजिस्टर होगा

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गोपी साहू:जी हां.जल्द ही ऐसी सुविधा शुरू होने जा रही है जिसकी मदद से आप एड्रेस लिखे बिना अपना ऑनलाइन सामान मंगा सकेंगे. प्रॉपर्टी टैक्स देने के लिए भी आपको घर का पता देने की जरूरत नहीं होगी. केंद्र सरकार इस नए सिस्टम पर तेजी से काम कर रही है. दरअसल, नए सिस्टम में आपको आधार की तरह एक यूनीक कोड मिलेगा. यही कोड आपके एड्रेस की तरह काम करेगा. इसी कोड पर आपके ऑनलाइन सामान की डिलिवरी होगी. सरकार इसके लिए ‘डिजिटल एड्रेस कोड’ या DAC पर काम कर रही है. इसमें देश के हर पते को एक डिजिटल कोड देने की तैयारी है.

भारत सरकार का डाक विभाग इस सिस्टम को अमल में लाने की तैयारी कर रहा है. डाक विभाग ने अभी हाल में इसका मसौदा पत्र जारी किया है जिसे उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर देख सकते हैं. इस नए सिस्टम के बारे में सभी लोगों से राय और प्रतिक्रिया मांगी गई है.

डिजिटली वेरिफाई होगा हर पता
वर्तमान में आधार को ही सबसे अधिक एड्रेस प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आधार कार्ड पर जो पता लिखा होता है, उसे डिजिटली वेरिफाई करने का कोई सिस्टम मौजूद नहीं है. डाक विभाग के मसौदा पत्र के मुताबिक, DAC आधार पर लिखे पते को डिजिटल तरीके से वेरिफाई करेगा. डीएसी में यूनीक नंबर होंगे जिसे ऑनलाइन डिलिवरी या अन्य सेवाओं की कंपनियां क्यूआर कोड से स्कैन करेंगी. इससे एक डिजिटल मैप की सुविधा मिलेगी जिससे पते की जानकारी हो जाएगी.

डाक विभाग बना रहा नया सिस्टम
डीएसी (DAC) की मदद से भारतीय डाक देश के हर पते का डिजिटल एड्रेस बनाएगा जो यूनीक नंबर के रूप में रजिस्टर होगा. एड्रेस में अक्सर हम रोड, नियर बाई या घर के पते का जिक्र करते हैं. ग्रामीण इलाकों में घर का पता भी नहीं होता जिससे सामान पहुंचाने में कई तरह की अटकलबाजी लगानी होती है. डीएसी में आधार जैसा यूनीक नंबर मिलने से ये सभी परेशानियां दूर होंगी और आधार पर लिखा घर का पता भी डिजिटली वेरिफाई हो जाएगा.

डीएसी का हर पता अपने आप में यूनीक होगा और यह घर, ऑफिस या बिजनेस के लिए खास होगा. उदाहरण के लिए, किसी अपार्टमेंट के हर फ्लैट का अलग डीएसी होगा. यह कोड हर एड्रेस के लिए स्थायी होगा. मान लें कोई किरायेदार किसी फ्लैट में रहता है तो वह जब तक रहेगा, उस डीएसी का उपयोग करेगा. बाद में कोई और किरायेदार आएगा तो वही डीएसी उसे मिल जाएगा. आप उस फ्लैट में रहते हैं तो ऑनलाइन डिलिवरी के लिए लंबा-चौड़ा पता लिखने की जरूरत नहीं. सिर्फ डीएसी दर्ज करेंगे तो आपके पते पर सामान आ जाएगा.”

“DAC की विशेषताएं
हर घर का डीएसी जियो मैपिंग से जुड़ा होगा. इससे ऑनलाइन सर्विस के लिए एड्रेस को वेरिफाई करने में आसानी होगी
इससे बैंक, इंश्योरेंस, टेलीकॉम आदि को केवाईसी वेरिफिकेशन करने में आसानी होगी. इससे कंपनियों के केवाईसी पर होने वाले भारी खर्च को घटाने में मदद मिलेगी. अगर डीएसी को आधार वेरिफिकेशन के साथ जोड़ दिया जाए तो सबसे बेहतर ई-केवाईसी होगा
डीएसी से डिलिवरी सर्विस की क्वालिटी बढ़ेगी, खासकर ई-कॉमर्स कंपनियों का काम आसान होगा. इससे ई-कॉमर्स फ्रॉड को घटाने में भी मदद मिलेगी
डीएसी से सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक और समय पर पहुंचाने में मदद मिलेगी. दूसरे के नाम पर कोई और योजनाओं का लाभ नहीं ले सकेगा
प्रॉपर्टी टैक्स, इमरजेंसी में मदद पहुंचाने, आपदा प्रबंधन, चुनाव प्रबंधन, इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग, जनगणना, शिकायत निपटारा जैसे काम में मदद मिलेगी”

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