तमिलनाडु के कोयंबटूर के चिन्नमपेथी आदिवासी गाँव की पहली और एकमात्र ग्रेजुएट संध्या, कोविड-19 महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन में गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहीं हैं।बीकॉम ग्रेजुएट संध्या अपने क्षेत्र के बच्चों को कक्षाओं के दौरान बच्चों को लोक नृत्य और संगीत भी सिखाती हैं।
लॉकडाउन के चलते स्कूल और कॉलेज बंद है। इन हालातों में उन बच्चों के लिए भी मुश्किलें कम नहीं हैं जो रिमोट एरिया में रहते हुए ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पास गैजेट की कमी है। साथ ही ऑनलाइन क्लासेस के लिए कनेक्शन की उपलब्धता भी मुश्किल है। संध्या इन सभी लोगों की आगे बढ़ने में मदद कर रही हैं।
Tamil Nadu: Sandhya, first graduate of Chinnampathy tribal village in Coimbatore conducts offline classes for children in a remote area amid lockdown
"I'm taking regular classes for all subjects. Some families can't afford to send children to school," she said (17.06) pic.twitter.com/4xUCKlR4no
— ANI (@ANI) June 18, 2021
संध्या ने समाचार एजेंसी ANI के हवाले से कहा, “प्राथमिक विद्यालय के बाद बच्चों ने पढ़ाई बंद कर दी थी।”उन्होंने आगे बताया, “लॉकडाउन के दौरान बहुत से छात्र स्कूलों में शामिल होने के इच्छुक नहीं थे। अब, कुछ छात्र अपनी पढ़ाई में गहरी रुचि ले रहे हैं। पहले, बहुत कम बच्चे रुचि रखते थे लेकिन जल्द ही और बच्चे कक्षाओं में शामिल हो गए। अब वे सीखने में बहुत अधिक रुचि रखते हैं।”
संध्या ने यह भी बताया कि वह अपने गांव की अकेली ऐसी शख्स हैं जिसने ग्रेजुएशन किया है, क्योंकि अधिकांश बच्चे एक उम्र के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं।उन्होंने कहा, “मैं बस्ती से अकेली स्नातक हूं। यहां के अधिकांश बच्चे प्राथमिक या माध्यमिक विद्यालय पूरा करने के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं क्योंकि परिवार उन्हें स्कूल भेजने का खर्च नहीं उठा सकते।”
जागरुकता की कमी
उन्होंने कहा कि उनके गांव में पढ़ाई के महत्व के बारे में जागरूकता की कमी है। उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार ने कई सुविधाएं दीं लेकिन ग्रामीणों को इसके बारे में दुर्लभ जानकारी है।संध्या ने आगे कहा, “मैं सभी विषयों की नियमित कक्षाएं ले रही हूं। गांव में एक प्राथमिक स्तर का स्कूल है और सरकार सभी सुविधाएं मुहैया कराती है। लेकिन जागरूकता की कमी के कारण गांव में कई स्कूल ड्रॉपआउट हैं।”