राजनांदगांव: दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादे से हर काम मुमकिन हो जाता है…आपने इतिहास में अर्जुन,एकलव्य,कर्ण,जैसे धनुर्धारी के बारे में पढ़ा होगा.आज हम बताएंगे ऐसे शख्स के विषय में जिसने विपरीत परिस्थितियों को अपने लक्ष्य रूपी तीर से हराकर नित नए आयाम रच रहा है…राजनांदगांव से महज 5 km की दूरी में बसा एक गांव सिंघोला जहा हीरू साहू नाम के ऐसे व्यक्तित्व का जन्म हुआ जिसने तीरंदाजी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।
बचपन मे ही माता-पिता का साया सर से उठ गया…गांव के ही रोशन साहू और शिव साहू के पहल पर पूरा गांव सहयोग के लिए एकजुट हो गया ।शिक्षक हरीश शर्मा ने 9वी से 12वी तक अपने खुद के खर्चे से शिक्षा के लिए सहयोग किए है।
आदर्श
कोच ए. एस. मरसी मणिपुर के मार्गदर्शन में 4 वर्षों तक राजनांदगांव में प्रशिक्षण प्राप्त किए है।जुनून को देखते हुए कोच ने हीरू साहू को धनुष खरीदकर दिए।
तीरंदाजी खेलग्राम बना सिंघोला
भोर होते ही तीरंदाजी का प्रशिक्षण प्रारंभ हो जाता है..नन्हे नन्हे हाथों में तीर कमान के सपने जैसे उड़ने को तैयार हो…अभी वर्तमान में 60 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।सीमित संसाधन होने के बावजूद आत्मविश्वास कम नही हुआ है।1 धनुष में 4 लोग अभ्यास करते है।
उपलब्धियां
तीरंदाजी टीम का भारत की ओर से चीन में प्रतिनिधित्व…यहा के बच्चे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर में भी सम्मान प्राप्त कर चुके है…योगेंद्र निर्मलकर विश्वकप में हिस्सा ले चुका है…इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज है।
वर्तमान समय की स्तिथि
जनप्रतिनिधियों द्वारा केवल सराहना ही मिला है…खूब अच्छा खेलो… आर्थिक क्षेत्र में सहयोग के लिए लोग चुप्पी साध लेते है।अजीब विडम्बना है हमारे देश की प्रतिभा यही दब के रह जाता है।अभी सिंघोला में 500 रुपये के किराए के घर मे कोच हीरू साहू रहते है।प्रधानमंत्री आवास से घर मिला है लेकिन निर्माण कार्य अधूरा है।रात में भोजन के लिए गांव वाले सहयोग करते है।
सरकार का सहयोग
पूर्व मुख्यमंत्री माननीय रमन सिंह ने संविदा नियुक्ति का राजनांदगांव के तत्कालीन कलेक्टर को आदेश दिया था लेकिन फण्ड की कमी को वजह बताकर नियुक्ति नही हुआ।पूर्व सांसद के ऑफिस में अनेको चक्कर काटे…परिणाम केवल एक, हा हो जाएगा।वर्तमान सरकार से भी उम्मीद है कोई सुधि ले…लेकिन ऐसा कब तक…ऐसे प्रतिभाओं को मांगने के लिए विवश होना पड़ता है…हमारे नेता खुद पहल क्यो नही करते….बस खेल को राजनीति के अखाड़े में तब्दील करके खेल और खिलाड़ियों के भावनाओ के साथ खिलवाड़ करते है।
सपना
गांव का प्यार ही हीरू साहू को रोककर रखा है।और सपना भी यही, यहाँ के सभी विद्यार्थी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचो में देश का गर्व के साथ सम्मान बढ़ाए।पूरे गांव को विश्व के मानचित्र में तीरंदाजी के नाम से जाना जाए।