मैं नियमित रूप से सत्यदर्शन पढ़ता हूँ.पढ़कर सुखद अनुभूति होती है,जितनी मेहनत इस पोर्टल के प्रधान संपादक व संपादक श्री कमलेश यादव जी करते हैं वास्तव में अति सराहनीय व अनुकरणीय है,क्योंकि किसी पोर्टल ,पत्रिका,समाचार पत्र व पुस्तक के प्रकाशन के लिए बहुत कार्य करने की आवश्यकता होती है, सामग्री संकलन अपने आप में एक चुनौती भरा कार्य होता है, संकलन पश्चात् उसको मूर्त रूप देना भी बहुत बड़ी चुनौती का काम होता है।
जिस तरह से कृषि कार्य में फसल की बोवाईं से लेकर फसल पकने तक एक किसान की मेहनत होती है ठीक उसी तरह से किसी पोर्टल,पत्रिका ,समाचार पत्र व पुस्तक की प्रथम सीढ़ी के प्रथम पायदान से प्रकाशन की उच्चतम शिखर की प्राप्ति तक पूरी टीम की होती है.इस पोर्टल के प्रधान संपादक व संपादक श्री कमलेश यादव जी व इनसे जुड़े समस्त आदरणीय महानुभावों के श्रम को सादर नमन करता हूँ.पोर्टल का प्रकाशन उल्लेखनीय है,मेरी ओर से ऐसे ऐतिहासिक व कठिन कार्य होते रहना चाहिए क्योंकि पोर्टल का, प्रिंट का,पुस्तक का,पत्रिका का इतिहास के साथ गहरा संबंध होता है भविष्य की धरोहर ऐसी चीजें ही होतीं हैं…मुझे बहुत अच्छा लगता है कि मैं भी इस पोर्टल से बतौर लेखक, रचनाकार के रूप में जुड़ा हुआ हूँ… डॉ. चम्पेश्वर गिरि गोस्वामी (गीतकार,कवि,लेखक)