*बेसहारा मज़दूरों का सहारा बनी दादी..केवल 1 रुपये में भर पेट खिला रही हैं इडली-सांभर…मेरे लिए लोगों का पेट भरना और जरूरतमंदों की मदद करना प्राथमिकता है…*

423

कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पूरे देश में तीसरे चरण का लॉकडाउन लगाया हुआ है। इस लॉकडाउन से देशवासियों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इसके चलते सबसे अधिक प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है। इस संकट की घड़ी में ये दिहाड़ी मजदूर अपने घरों से दूर हैं और पैसों के लिए मोहताज हो चुके हैं। इसी बीच तमिलनाडु की रहने वाली 85 वर्षीय दादी इन बेसहारा मजदूरों का पेट केवल 1 रुपये में भर रही हैं।

कौन हैं दादी अम्मा
तमिलनाडु के पेरु के नजदीक वडिवेलम्पलयम गांव में रहने वाली 85 वर्षीय महिला के. कमलाथल एक रुपये में सांभर और चटनी के साथ इडली बेचती हैं और आज भी अपनी उम्र की दूसरी महिलाओं से फिट हैं। इनके जीवन का लक्ष्य लोगों को सस्ता और भरपेट भोजन उपलब्ध कराना है। कमलाथल पिछले 30-35 सालों से यह काम कर रही हैं।

दादी अम्मा का लक्ष्य
दादी अम्मा कहती हैं कि, रोजाना दुकान पर आने वाले लोग भरपेट इडली खा सकें, यह मेरे लिए एक लक्ष्य की तरह है। इसलिए मैंने इडली का दाम एक रुपए रखा है। इससे यहां आने वाले जरूरतमंद लोग अपने परिवार के लिए पैसों की बचत करने के साथ पेट भी भर सकेंगे। अम्मा बताती हैं कि पहले इडली का दाम 50 पैसे होता था, लेकिन इसकी सामाग्री की कीमत बढ़ने की वजह से मुझे इसका दाम एक रुपये करना पड़ा।

Live Cricket Live Share Market