पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी के चपेट में है।अपना देश भारत में भी कोरोना बढ़ते क्रम में है।हर इंसान डरा हुआ है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो बिना डरे कर्त्तव्यपथ पर डटे हुए है,वो किसी फरिश्ते से कम नही।एक ऐसे समय मे हम,आप कम से कम लोगो के सम्पर्क में आते हुए अपना काम निपटा रहे है,उस स्थिति में शिक्षिका योद्धा की तरह अपने कार्य मे डटी हुई है,ताकि बच्चे शिक्षा से वंचित न हो जाये।हम बात कर रहे है छ्त्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के अकलतरा विकासखंड की शिक्षिका अर्चना शर्मा के बारे में,जिन्होंने अपने घर को ही विद्यालय बनाकर बच्चों को पढ़ा रही है।
शिक्षिका अर्चना शर्मा का निवास उनके शाला से महज 1से 2किमी की दूरी पर है। इस वजह से खिसोरा के बच्चों ने उनके घर पर ही आकर पढ़ाई करने की बात कही जिसे शिक्षिका ने सहज ही स्वीकार कर लिया। विगत एक सप्ताह से शिक्षिका अर्चना शर्मा द्वारा बच्चों को अपने घर पर ही शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क लगाकर दो घण्टे अध्यापन कार्य कर रही है।
वह यह कक्षा एक दिवस के अंतराल में लगाती है एवं बच्चों को गृह कार्य भी देती है जिसे बच्चे घर पर हल करके लाते है। इसके साथ में शिक्षिका द्वारा प्रतिदिन ऑनलाइन क्लास भी लिया जाता है।प्रतिदिन बढ़ रही है बच्चों की संख्या बच्चे खुश होकर पढ़ाई करने आते है। बच्चों में पढ़ाई को लेकर उत्साह है।पालकों के द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है।शिक्षिका के द्वारा घर पर अध्यापन कराने से बच्चों का अध्ध्यन कार्य सुचारू रूप से हो रहा है ।पालक शिक्षिका के इस कार्य के लिए उनकी सराहना कर रहे है।
कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते संक्रमण एवं चुनौतियों से सभी का जीवन प्रभावित हुआ है।कोरोना संकट काल में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों की शिक्षा का हो रहा है। कोरोना संकट के कारण बच्चों के स्कूल प्रारम्भ नहीं हुआ है।इसलिए बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए शासन द्वारा पढ़ाई तुंहर दुवार ऑनलाइन योजना प्रारंभ की गई है किंतु तकनीकी सुविधाओं के अभाव के कारण इसका लाभ सभी बच्चों को नहीं मिल पा रहा है।
पढ़ई तुंहर दुआर के अंतर्गत ऑनलाइन कक्षाएं नियमित रूप से संचालित की जा रही हैं किंतु पालकों के पास स्मार्ट फ़ोन के अभाव में प्राथमिक स्तर के लाभान्वित बच्चों की संख्या कम है,और जिनके पास है वहाँ नेटवर्क की समस्या बनी रहती है। इस समस्या के मद्देनजर अकलतरा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला खिसोरा की शिक्षिका अर्चना शर्मा ने अपने घर में ही बच्चों को पढ़ा रहीं हैं और कोशिश कर रही है कि बच्चों का अध्ययन कार्य सुचारू रूप से संपादित होता रहे ।