World Book Day:किताबें सिखाती हैं जीने की कला ..किताबों के पठन की परंपरा फिर से शुरू होनी चाहिए… मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर पर समय व्यतीत करने के साथ ही किताबों से भी ज्ञान अर्जित करें…

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नई दिल्ली/रायपुर: दुनिया भर में आज विश्‍व पुस्‍तक दिवस मनाया जा रहा है. यह दिवस किताबों के नाम समर्पित है. इस दिवस की महत्ता आप इसी बात से समझ सकते हैं कि किताबें हमारी बेस्‍ट फ्रेंड हैं. ये न सिर्फ हमारी दोस्‍त बल्‍कि पथ प्रदर्शक भी हैं और उस वक्‍त हमेशा हमारे साथ होती हैं जब हमें इनकी सबसे ज्‍यादा जरूरत होती है।किताबें अमर है,हमारे व्यक्तित्व का निर्माण कर हमें जीवन जीने की कला सिखाती हैंं। यही नहीं किताबें एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ज्ञान हस्तांतरित करने का सशक्त माध्यम भी हैं। किताबों से बुद्धि का विकास होता है तथा हम महान लोगों से चिर-परिचित होकर उनके पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा लेते हैं।

किताबें झांकती हैं बंद आलमारी के शीशों से, 
बड़ी हसरत से तकती हैं, 
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती, 
जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं, 
अब अक्सर गुजर जाती है कंप्यूटर के पर्दों पर..! 

गुलजार साहब की ये कविता किताबों के उस दौर की याद दिलाती है जब किताबें जीवन का अभिन्न अंग हुआ करती थीं। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के द्वारा पढ़ने, प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस आयोजित किया जाता है।

पुस्तक दिवस और किताबों के प्रति नीरसता 
बदलते युग में तकनीक की घुसपैठ के कारण किताबों के पठन में भारी गिरावट देखने को मिला है। अधिकतर युवा अब फेसबुक, वॉट्सएप तथा इंटरनेट पर अपना समय गुजारना पसंद करते हैं। किताबें अब केवल ड्राइंग रूम में सजावट का सामान बनकर रह गई हैं। किताबों के प्रति तेज गति से हो रहा मोहभंग चिंताजनक है।

ज्ञातव्य है कि 23 अप्रैल 1564 को शेक्सपीयर का निधन हुआ था। शेक्सपीयर एक ऐसे लेखक थे जिनकी कृतियों का अनुवाद विश्व की समस्त भाषाओं में हुआ है। उन्होंने अपने जीवनकाल में करीब 35 नाटक और 200 से अधिक कविताएं लिखीं। साहित्य जगत में शेक्सपीयर को जो स्थान प्राप्त है उसी को देखते हुए यूनेस्को ने 1995 और भारत सरकार ने 2001 में 23 अप्रैल के दिन को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।

दरअसल, किताबें सोच बनाने व बदलने का माद्दा रखती है। किताबें हमें अतीत, वर्तमान और भविष्य तीनों काल की जानकारी देती है। किताबें मनुष्य की सच्ची मित्र हैं जो प्रत्येक परिस्थिति में बखूबी साथ निभाती है। एक अच्छी किताब हमें सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती है। अतः आवश्यक है कि हम किताबों के पठन की परंपरा को बरकरार रखें। मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर पर समय व्यतीत करने के बजाय उसका उपयोग किताबों से ज्ञान अर्जित करने में करें

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