कमलेश यादव, राजनांदगांव :-आप जानते है कुदरत ने ज्ञान,बुद्धि,विवेक बगैर किसी भेदभाव के सभी को एक जैसा ही दिए है। कहते हैं प्रतिभा कभी भी सुविधाओं की मोहताज नहीं होती प्रत्येक विश्वविभूति विपरीत परिस्तिथियों से निखरकर सामने आए है। आज हम बात करेंगे ऐसी ही शख्सियत के विषय में जिन्होंने ज्ञान और अनुभव से अभावों के बीच भी रास्ता खोजते हुए सफलता हासिल किये हैं।वनांचल क्षेत्र ,प्रकृति की वादियों में बसा छोटा सा गांव मुरेर तहसील मोहला जिला राजनांदगांव जहाँ चन्द्रेशकुमार ठाकुर का जन्म हुआ।अभी वर्तमान में सहायक संचालक जनसंपर्क जगदलपुर में पदस्थ हैं। तमाम विपरीत परिस्थितियों से आगे बढ़ते हुए लाखों लोग जो अभाव में संघर्ष कर रहे हैं,सभी के लिए प्रेरणास्रोत बन गए है।
आदिवासी बाहुल्य गांव मुरेर जहां कंधो पर किताबो से भरा बस्ता लिए एक छोटा बालक दौड़ते हुए अपने स्कूल पैदल जाया करता। किताबों से बचपन से ही बहुत ज्यादा लगाव था।पिताजी श्री रामलाल ठाकुर के सिखाए आदर्शों के बदौलत आज भी जरूरतमन्दों के मदद के लिए हमेशा खड़े रहते हैं | चन्द्रेश ठाकुर जी का मानना है,आदमी कितने भी बड़े बन जाए मानवीय संवेदना कभी खत्म नहीं होनी चाहिए। आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिग्यविजय कॉलेज राजनांदगांव आना पड़ा। पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास कौरीनभांठा में रहकर M.A.कम्प्लीट किए। बाद में कुशाभाऊठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर से प्रथम बैच के विद्यार्थी रहकर,विज्ञापन एवं जनसंपर्क में स्नाकोत्तर की उपाधि हासिल किया।
साहित्यिक अभिरुचि शुरुआत से ही रहा है। धार्मिक मंच के उदघोषक गौरीशंकर यादव जी और प्रखर वक्ता डॉ. चन्द्रकुमार जैन से काफी कुछ सीखने को मिला है। रेडियो के उदघोषक मिरजा मसूद के आवाज आज भी कानो में गूंजती है। कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ.सच्चिदानंद जोशी के व्यक्तित्व ने भी काफी प्रभावित किया है। आईपीएस डी. आर.आँचला हमेशा आदर्श रहे हैं। सीखने का सिलसिला आज भी अनवरत जारी है। रोज एक नया संघर्ष का दिन सामने रहता है। कोशिश यही मेरा ज्ञान,बुद्धि विवेक कैसे समाजहित में काम आये।
विद्यार्थी जीवन के बाद कैरियर की चिंता उन्हें भी सताने लगी। सच्ची लगन और ईमानदार प्रयास के बदौलत शिक्षाकर्मी के पद पर(2009-14) हुआ। उन्हें पता था यह मेरा लक्ष्य नही हैं इसीलिए लगातार मेहनत करते गया। और वर्तमान में विभागीय राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से सहायक संचालक जनसंपर्क के पद पर चयनित हुआ हूं। मेरे लिए असली ताकत अपनो का प्यार और साथ है,जो विषम परिस्थितियों में भी साहस प्रदान करता है। कोई भी पद या सफलता पाना कोई बड़ी बात नही है। ध्यान केवल अपने पढ़ाई पर होनी चाहिए। लगातार किया हुआ प्रयास का परिणाम निश्चित ही सुखद होता है।
छात्रावास जीवन
वे बताते हैं कि मेरे व्यक्तित्व को गढ़ने के लिए छात्रावास जीवन का बेशकीमती योगदान रहा है।छात्रावास में बहुत ही कम खर्चे में रुकने और पढ़ाई से जुड़ी व्यवस्थाएं हो जाती है,जिसके बदौलत कोई भी जरूरतमंद छात्र अपनी शिक्षा पूरी कर सकते हैं।अनुशासन और समय प्रबन्धन छात्र जीवन की मुख्य विषयवस्तु है जिसके बगैर सफलता प्राप्त नहीं किया जा सकता। छात्रावास गरीब परिवार के बच्चों के लिए संस्कार भूमि एवं संरक्षण स्थलीय है।
युवाओ को सन्देश
युवाओ के कंधों पर निश्चित ही राष्ट्र की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।इसीलिए नशा से दूर रहकर अपनी ऊर्जा रचनात्मक कार्यो में लगाए। वर्तमान स्थिति काफी चिंताजनक है मूल्यों का हनन होते जा रहा है। हमारी वास्तविक लड़ाई गरीबी अशिक्षा से होनी चाहिए। सदैव अपने मन मे यह बात याद रखें,यदि व्यक्ति में जिजीविषा हो,तो विपरीत परिस्थितियों में सफलता के झंडे गाड़ा जा सकता है। खूब सपने देखो,और उतनी ही शिद्दत से उस सपने को पूरा करने लिये प्रयास करो। यकीन मानो एक सुनहरा भविष्य इन्तेजार कर रहा होगा |
पत्रकारिता
बदलते दौर में संचार के साधनों में भी बदलाव हुआ है आज पलक झपकते ही खबर पूरी दुनिया मे चली जाती है। पर खबर की विश्वनीयता को जांचने की जिम्मेदारी हमारी है। मीडिया शक्तिशाली है। समाज के विसंगतियों को उजागर करने का सबसे कारगर माध्यम है। बस इसका उपयोग समाजहित में होनी चाहिए। पत्रकारिता समाज का दर्पण ही नही वरन दीपक भी है जिससे पूरे समाज के सामने वास्तविकता का बोध कराए।व्यवस्था परिवर्तन की अहम जिम्मेदारी मीडिया का है।
उन्होंने बताया कि समाजसेवा के क्षेत्र में रहते हुए वर्तमान में गोड़ समाज के युवा प्रभाग के सम्भागीय अध्यक्ष हैं। अजाक्स संगठन के जिला उपाध्यक्ष के पद पर भी कार्यरत हैं। विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों को मार्गदर्शन करते रहते है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी चंद्रेशठाकुर के जीवनशैली को देखकर आज हजारो विद्यार्थियों को प्रेरणा मिल रहा है।सत्यदर्शनलाइव चैनल की ओर से श्री चन्द्रेश ठाकुर के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।
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