बदलाव का नया साल…हम पाँच और मदद ए कारवाँ…चलो आज कुछ अच्छा करते है..

454

श्रीकांत सिंह,कोरबा:-नया साल है पूरा आकाश सामने है।इस सकारात्मक घड़ी में खुद को एक दिशा देने भर की दरकार है।एक छोटी सी प्रेरणा,हमारे जीवन को सार्थक कर सकती है।क्यो न आज खुशियों की वजह बनकर एक नई संस्कृति का शुरुआत करे।आज हमने अपनी वजह तलाश ली है नन्हे बच्चो के बीच मे।

पिछले दो दिनों में परिस्थितियों और मौसम ने हमारी खूब परीक्षा ली है। लेकिन हमनें भी ठान लिया था अगर कुछ अच्छा करना है तो करना है। इस मुहिम को सफल बनाने में जो पाँच किरदार हैं उन सभी का बारी बारी से परिचय कराता हूँ। सबकी मदद की कहानी बड़ी दिलचस्प है और आप देखेंगे अच्छे कामों से कैसे लोग जुड़ते जाते है। कल तक अजनबी पर आज सब साथ हैं।

पहले किरदार है श्री रामचन्द्र वीरवानी सर। वे केन्द्रीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड ऑफिसर है और दिल्ली में निवासरत है। वीरवानी सर से लगातार संपर्क में रहा हूँ। वे लगातार दूरदराज़ के गाँवों में जल संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने पहले भी हमारी खूब मदद की है। हम कई अन्य प्रोजेक्ट पर भी साथ काम कर रहे हैं। सभी आर्थिक सहयोग इनके द्वारा ही किया गया है।

दूसरे किरदार हैं बिलासपुर निवासी श्री सतराम जेठमलानी जी। जब हमें कोरबा में रेट नहीं जँचा तो हम बिलासपुर में दुकान पता करने लगे। इस बीच वीरवानी सर का संपर्क इनसे हुआ और हमारा काम और आसान हो गया। इन्होंने हफ्ते भर से लगातार मेहनत किये और वहां से बिलासपुर रोड लाइन्स द्वारा सामान कोरबा भिजवाया। हमें बिलासपुर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ी।

इन दोनों के बाद अब बारी था हमारी। तीसरी किरदार है पाली की शिक्षिका सुभद्रा जगत जी। मैं हमेशा इनके विचारों से प्रभावित रहा। आज जब बस से स्वेटर पाली भेजे तब बारिश के बीच भीगते हुए सामान लेने पहुँची।(बसवाले की गलती से सामान बिलासपुर पहुँच गया वहाँ से सामान फिर लौटाया गया तब जाकर इन्हें सामान मिला।) हम इनकी सेवाभावना को सलाम करते हैं।

चौथी किरदार हैं शिक्षिका अनुराधा एक्का मैम। एकल शिक्षक विद्यालय को अपनी मेहनत और लगन से सिंचित कर रही हैं। जब बिलासपुर से सामान आया उसे रिसीव करने यह भी कोरबा पहुँची। आफिस बन्द होने के कारण दो दिन कोरबा रुकी और फिर सामान लेकर वितरित किये।

और आखिरी में मैं जो कोई काम का नहीं। लगातार साथियों को निर्देश देना, सामानों का बण्डल तैयार करना, उनकी उपयोगिता सुनिश्चित करना यह छोटा छोटा काम मेरा था। आज जब वितरित करने निकला तो भारी बारिश ने कई बार मेरा रास्ता रोका। पर हमनें रुकना सीखा ही नहीं है। सबसे पहले प्राथमिक शाला नेवारटिकरा, फिर दलदली, इससे आगे माखुरपानी और अंत में प्राथमिक शाला मारगाँव बसाहट के बच्चे। आज लम्बी दूरी तय करना पड़ा पर खुशी भी है इस ठण्ड से बच्चों को थोड़ी राहत मिलेगी।

एक किरदार और है रोहित। जो मेरे कार्यों में हमेशा साथ होता। हमनें साथ मिलकर ही कल सुबह सुबह सामान उठाया और अगले दिन बाँटने की योजना बनी। पर शाम होते होते उसके सड़क दुर्घटना में घायल होने की खबर आ गई। फिलहाल वह स्वास्थ्य लाभ ले रहा है। वह जल्दी ही स्वस्थ होगा और फिर हम नए तरीके से प्लानिंग करेंगे।

इस बार हमनें ऐसे बच्चों को फोकस किया था जिनके पास गर्म कपड़े के नाम पर कुछ भी नहीं था। थोड़े लम्बे इंतज़ार के बाद मदद आखिर मिल गयी। नए वर्ष पर हमनें मिलकर 6 स्कूलों में 45 स्वेटर और 16 जोड़ी जूते वितरण किये हैं। आगे भी कोशिश जारी है लोगों तक पहुँचने की। आज ही दोस्तों से कुछ बिरहोर परिवारों की जानकारी मिली है जल्द ही उन तक मदद पहुँचाने की कोशिश शुरू कर चुका हूँ।

नए वर्ष पर आपके चेहरे यूँ ही खिले रहे। आप हमेशा मुस्कुराते रहें। इन्ही भावनाओं के साथ आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।वीरवानी सर, जेठमलानी सर, सुभद्रा अनुराधा आप अभी का सबका आभार।

(यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें satyadarshanlive@gmail.com लिखे,
या Facebook पर satyadarshanlive.com पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो भी भेज सकते है)

Live Cricket Live Share Market