रायपुर:-अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के कर्मचारियों के मध्य हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सोमवार को राजभाषा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें हिंदी में टाइपिंग और अनुवाद के लिए उपलब्ध विभिन्न स्त्रोतों के बारे में जानकारी देते हुए कर्मचारियों को हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर जोर दिया गया।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर और उप-निदेशक (प्रशासन) नीरेश शर्मा के निर्देशन में संस्थान के सभी विभागों को हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। संस्थान में आने वाले रोगियों के बड़ी संख्या में उपलब्ध होने वाले डेटा को भी हिंदी में सहेजने का प्रयास किया जा रहा है जिससे भविष्य में हिंदी आधारित शोध और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके।
इसी क्रम में राजभाषा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ प्रशासनिक सहायक, कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, जेआरओ और निज सहायकों के लिए यूनीकोड आधारित कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें हिंदी भाषा के सहजता के साथ उपलब्ध यूनीकोड फोंट के बारे में प्रतिभागियों को समझाया गया। इसके लिए माइक्रोसाफ्ट ऑफिस और इसमें टाइपिंग के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इसके साथ ही अंग्रेंजी में उपलब्ध संसाधनों को सरलता और सहजता के साथ हिंदी में अनुवादित करने के बारे में भी बताया गया। इसके अलावा सरकारी कार्यालय की प्रतिदिन कार्य पद्धति और इसमें हिंदी के अनुप्रयोग के बारे में भी कर्मचारियों को समझाया गया।
कार्यशाला में अमित कुमार बंजारे, शाश्वत उपाध्याय, सोनाली सूते, नितिश कुमार, हिमांशु बाजपेयी, देबाब्रत, चंद्रमौली, सतीश तिवारी, जी. राजा, राजकुमार, ऐश्वर्या, उत्तम शर्मा, अमित यादव, सैयद शादाब, उमेश पांडे, आदित्य शुक्ला, गोपाल शर्मा, चंद्रभान प्रधान, अविनाश कुमावत, नितिन देवांगन, कुमारेश देवांगन आदि ने भाग लिया।